अब गुड़हल में फूलों की बारिश कराएगी ये ज़बरदस्त खाद, कीड़े-चींटियों से भी मिलेगी राहत

अगर आपके गुड़हल के पौधे में फूल कम आ रहे हैं या फंगस-कीट की वजह से मुरझा रहे हैं, तो अब परेशान होने की ज़रूरत नहीं। एक देसी खाद का जादू फूलों की कमी दूर करेगा और पौधे को हरियाली से भर देगा। जानिए कौन-सी है ये असरदार खाद और इसे कब-कैसे डालना है।

गुड़हल का पौधा अपने बड़े-बड़े रंगीन फूलों से हर बगिया की शान बन जाता है। लेकिन जब इसमें फूल आना ही बंद हो जाए या पत्तियां पीली पड़ने लगें, तो दिल टूट सा जाता है। बहुत से लोग इसी वजह से पौधा लगाकर छोड़ देते हैं, क्योंकि उन्हें समझ नहीं आता कि क्या करें।

असल में गुड़हल (Hibiscus Plant) को सिर्फ पानी और धूप ही नहीं, बल्कि सही देखभाल और समय पर पोषण की भी जरूरत होती है। अगर आप एक देसी, कम खर्चीली और असरदार खाद का इस्तेमाल करें, तो न सिर्फ पौधा हरा-भरा होगा बल्कि उस पर फूलों की बहार भी लौट आएगी।

गुड़हल में फूल बढ़ाने के लिए कौन-सी खाद सबसे असरदार है?

गुड़हल के पौधे को सही ढंग से खिलाने के लिए “सरसों खली” (Mustard Cake) और गोबर खाद का मिश्रण एक बेहतरीन उपाय माना जाता है। इसे अगर हर 15 दिन में पौधे की जड़ में हल्की मात्रा में डाला जाए, तो न सिर्फ फूलों की संख्या बढ़ती है, बल्कि पौधा भी मजबूती से बढ़ता है।

सरसों खली में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं जो फूलों की ग्रोथ के लिए बहुत जरूरी हैं। इसके अलावा, ये खाद मिट्टी की गुणवत्ता सुधारती है और पौधे की जड़ों को ताकत देती है।

अगर आप चाहें तो इसे पानी में भिगोकर लिक्विड फॉर्म में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे खाद सीधे पौधे में असर दिखाना शुरू कर देती है और फूलों की संख्या तेजी से बढ़ती है।

फंगस, कीट और चींटियों से बचाने वाला देसी नुस्खा

गुड़हल के पौधे को सबसे ज़्यादा नुकसान चींटियों, फंगस और मीलिबग्स जैसे कीड़ों से होता है। इनसे छुटकारा पाने के लिए आप नीमखली और बेकिंग सोडा का उपयोग कर सकते हैं।

नीमखली को मिट्टी में मिलाकर डालने से मिट्टी में मौजूद हानिकारक जीवाणु खत्म होते हैं। वहीं, बेकिंग सोडा को पानी में घोलकर स्प्रे करने से फंगस की ग्रोथ रुक जाती है।

एक घरेलू नुस्खा और है: एक लीटर पानी में एक चम्मच नीम का तेल, थोड़ा बेकिंग सोडा और एक चुटकी डिटर्जेंट मिलाकर हर हफ्ते स्प्रे करें। ये मिक्सचर न सिर्फ कीटों को दूर करता है बल्कि पत्तियों को भी चमकदार बनाए रखता है।

गुड़हल की सही देखभाल में और क्या है जरूरी?

खाद के साथ-साथ धूप और पानी का संतुलन भी बेहद जरूरी है। गुड़हल के पौधे को रोजाना कम से कम 4–5 घंटे की धूप मिलनी चाहिए। पानी इतना ही दें कि मिट्टी नम रहे, पर ज्यादा न हो जाए वरना जड़ें सड़ सकती हैं।

हर 15 दिन में पौधे की ऊपरी परत को हल्का-सा खुरच कर ताज़ी खाद डालनी चाहिए, ताकि पोषक तत्व जड़ों तक पहुंच सकें। पत्तियों की सफाई करते रहना और समय-समय पर काट-छांट करना भी ज़रूरी है, जिससे नई शाखाएं निकलें और फूलों की संख्या बढ़े।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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