अपराजिता फूल को सिर्फ एक सुंदर पौधा मानना भूल हो सकती है। आयुर्वेद और ज्योतिष दोनों ही इसे बेहद खास मानते हैं। खासकर गुरुवार के दिन इसका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है।
क्या आप जानते हैं कि अपराजिता फूल (Aparajita flower Remedies) से जुड़ी कुछ आसान सी बातों को अपनाकर आप अपने जीवन की आर्थिक स्थिति को बेहतर बना सकते हैं? आइए जानते हैं इन आसान लेकिन असरदार टोटकों के बारे में।

अपराजिता फूल का महत्व
अपराजिता फूल को शास्त्रों में देवी लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। खासतौर पर नीला अपराजिता, पूजा-पाठ और तंत्र उपायों में खूब इस्तेमाल होता है। मान्यता है कि यह फूल नकारात्मक ऊर्जा को हटाकर सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, गुरुवार को अपराजिता फूल से लक्ष्मी पूजन करने से घर में बरकत आती है। साथ ही, यह उपाय उन लोगों के लिए भी फायदेमंद माना गया है जो लंबे समय से कर्ज या आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
धन और करियर में सफलता के लिए गुरुवार को अपनाएं ये उपाय
- गुरुवार के दिन अगर सुबह-सुबह स्नान कर शुद्ध मन से अपराजिता फूल से भगवान विष्णु या लक्ष्मीजी की पूजा की जाए, तो यह बेहद शुभ माना जाता है।
- अपराजिता के नीले फूल से विष्णुजी को अर्पित करें और “ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः” मंत्र का जाप करें।
- इसके बाद उस फूल को अपने वॉलेट या तिजोरी में रखें, मान्यता है कि इससे धन की कमी दूर होती है।
- अपराजिता की जड़ को पीले धागे में लपेटकर गले या बाजू में धारण करने से भी नौकरी और कारोबार में तरक्की के योग बनते हैं।
- शाम के वक्त अपराजिता के पौधे के पास दीपक जलाना और प्रार्थना करना जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है।
रखें इन बातों का ध्यान
- सिर्फ गुरुवार को ही ये उपाय करें।
- फूल ताजे और साफ हों, सूखे या टूटे हुए फूलों का प्रयोग न करें।
- पूजा करते वक्त शांत और सकारात्मक माहौल बनाएं, मोबाइल या टीवी बंद रखें।
- पूजा के बाद फूल को या तो वॉलेट में रखें या गमले में दबा दें, उसे फेंकना अपशकुन माना जाता है।
भविष्य में अपराजिता फूल का चलन और भी बढ़ेगा
फेंगशुई और वास्तु में भी अब अपराजिता पौधे का महत्व बढ़ता जा रहा है। बहुत से लोग इसे घर के उत्तर-पूर्व दिशा में लगाते हैं जिससे पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है। सोशल मीडिया पर भी कई लोग अपने अनुभव साझा कर चुके हैं कि अपराजिता फूल के उपायों से उन्हें आर्थिक रूप से बड़ा फायदा हुआ।
वास्तु एक्सपर्ट्स मानते हैं कि आने वाले समय में यह पौधा न सिर्फ धार्मिक बल्कि सजावटी और मानसिक शांति के लिए भी अहम भूमिका निभाएगा। इसकी देखभाल भी बेहद आसान है, और इसकी सुंदरता भी मन को आकर्षित करती है।