अपराजिता के पौधे में फूल क्यों नहीं आ रहे? जानें कारण और किचन की इस चीज का करें इस्तेमाल

अगर आपके अपराजिता के पौधे में भी नहीं आ रहे हैं नीले-नीले सुंदर फूल, तो जानिए इसके पीछे की वजह और एक ऐसा आसान घरेलू किचन नुस्खा, जिसे अपनाकर आपका पौधा भी लद जाएगा खिलते हुए नीले फूलों से।

अपराजिता के नीले फूल बगीचों की सुंदरता बढ़ाने का काम करते हैं। ये नीले नीले फूल ना सिर्फ़ दिखने में ख़ूबसूरत लगते हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल औषधीय दवाइयों को बनाने के लिए भी किया जाता है। कई बार ऐसा देखा जाता है कि अपराजिता की बेल तो घनी और हरी भरी हो जाती है, लेकिन उसमें फूल नहीं खिलते हैं। ऐसे में घर पर तरह तरह के पेड़ पौधे लगाने वाले लोगों को थोड़ी निराशा होती है।

इस परेशानी का समाधान पाने के लिए, लोग बाज़ार में मिलने वाले तरह तरह कि महँगी फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इन फर्टिलाइजर में कई तरह की कैमिकल भी पाए जाते हैं, जिस वजह से यह पौधों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित नहीं होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप घर पर ही, किचन में पाई जाने वाली एक चीज़ की मदद से, अपने पौधों को हरा भरा और फूलों से लदा बना सकते हैं।

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अपराजिता की देखभाल कैसे करें?

जी हाँ, हम बात कर रहे हैं चीनी की। हम चीनी का इस्तेमाल पौधों के लिए नैचुरल फर्टिलाइजर के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं। चीनी में कार्बोहाइड्रेट और मैग्नीशियम की मात्रा पाई जाती है, जो पौधों की ग्रोथ में मदद करती है। चलिए फिर इस आर्टिकल में जान लेते हैं, कि पौधों की बेहतर ग्रोथ के लिए चीनी का इस्तेमाल किस तरह से करना चाहिए।

अपराजिता में फूल लाने के लिए कौन सी खाद डालें?

अपराजिता कि पौधों के लिए चुनी का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले कम से कम एक मीटर पानी में, 3-4 चम्मच चीनी डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें। जब चीनी अच्छी तरह से घुल जाए, तब आप इस घोल का इस्तेमाल पौधों की जड़ों में कर सकते हैं। हफ़्ते में दो बार इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके इस्तेमाल से पौधों की संख्या बढ़ने लगी की, साथ ही साथ पौधा भी स्वस्थ रहेगा।

इन बातों का खास ध्यान रखें

इस बात का ख़ास ध्यान रखें, अपराजिता के पौधों में ज़रूरत से ज़्यादा चीनी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, साथ ही साथ कभी चीनी का डायरेक्ट इस्तेमाल भी नहीं करना चाहिए। हमेशा चीनी का इस्तेमाल छाछ, दूध और पानी में घोलकर ही करना चाहिए। हफ़्ते में एक या दो बार इसका इस्तेमाल करना काफ़ी, ज़्यादा इस्तेमाल करने से पौधा सड़ सकता है, पत्तियां पीली पड़ सकती है, साथ ही साथ आपकी पूरी मेहनत ख़राब हो सकती है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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