अपराजिता बेल को लोग न सिर्फ उसके खूबसूरत नीले या सफेद फूलों के लिए जानते हैं, बल्कि इसकी औषधीय और धार्मिक मान्यता भी बहुत अधिक है। घर के आंगन, गमले या बगीचे में इसका पौधा लगाना शुभ माना जाता है। लेकिन अक्सर लोग बीज लगाते समय एक सामान्य सी गलती कर देते हैं और वो है, बीज को सही गहराई पर न लगाना।
अगर बीज को बहुत ऊपर या बहुत गहराई में दबा दिया जाए, तो न तो वह ठीक से अंकुरित होता है और न ही पौधा निकलता है। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि अपराजिता का बीज कितनी गहराई में लगाया जाए ताकि पौधा सही तरीके से उग सके और अगले सीजन में एक से कई पौधे बन जाएं।
कैसे लगाएं अपराजिता का बीज
1. मिट्टी की तैयारी और बीज की सही गहराई
अपराजिता बेल के लिए हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। गमले या जमीन में मिट्टी खोदते वक्त उसमें थोड़ी गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट मिलाएं।
अब बीज को लगाते समय एक बात का खास ध्यान रखें बीज को 1 से 1.5 इंच गहराई में ही दबाएं। इससे न ही वह बहुत अंदर जाएगा और न ही सतह के बहुत पास रहेगा। बीज को ज़्यादा गहराई में लगाने पर वह सड़ सकता है और अंकुरण नहीं होगा।
2. बीज लगाने का सही समय और सिंचाई का तरीका
बीज बोने का सबसे अच्छा समय मानसून या शुरुआती गर्मी (मार्च से जून) होता है, क्योंकि इस दौरान नमी अच्छी होती है और पौधे तेजी से अंकुरित होते हैं।
बीज लगाने के बाद हल्की सिंचाई करें, ताकि मिट्टी गीली हो लेकिन पानी भरा न हो। पहले 5-7 दिन रोज हल्का पानी देना जरूरी है, फिर जैसे-जैसे अंकुर निकलने लगें, सिंचाई की मात्रा नियंत्रित करें।
3. देखभाल से मिलेंगे दर्जनों पौधे और भरपूर फूल
जब बीज से अंकुर फूटने लगे तो उसे धूप और छांव के संतुलित वातावरण में रखें। अपराजिता को 4-5 घंटे की धूप मिलनी चाहिए, लेकिन बहुत तेज धूप में नई पत्तियों को नुकसान हो सकता है।
2-3 महीने में बेल इतनी बड़ी हो जाती है कि वह किसी भी सहारे (ट्रेलिस या खंभे) पर चढ़ने लगती है। समय-समय पर खाद डालते रहें और सूखी पत्तियां काटते रहें। अच्छी देखभाल के बाद इस बेल में इतने बीज वाले फूल लगते हैं कि आप अगली बार इनसे 10 से ज्यादा नए पौधे तैयार कर सकते हैं।





