भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। बेडरूम (bedroom) घर का वो महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जहां आपका सबसे क्वालिटी टाइम बीतता है। ऐसे में अगर आपको अपने बेडरूम में ठीक से नींद नहीं आ रही, दांपत्य जीवन में बेवजह कुछ परेशानियां महसूस हो रही है और बेडरूम में अच्छी फीलिंग नहीं आ रही, तो ये बात आपके काम की है। आप अपने शयनकक्ष में वास्तु (architectural tips) के अनुसार कुछ परिवर्तन कर इन समस्याओं के छुटकारा पा सकते हैं।
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वास्तुशास्त्र (vastu shastra) के अनुसार आदर्श रूप से घर के मालिक के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा में बेडरूम रखने से अच्छा स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु होती है। लेकिन नवविवाहितों के सुखी दांपत्य के लिए प्रेम और आकर्षण की दिशा उत्तर या उत्तर-पश्चिम है और इस क्षेत्र में इनका बेडरूम बनाया जाना चाहिए। इस दिशा में कमरा होने से आपसी संबंध में प्रेम और प्रगाढ़ता आती है। अपने बिस्तर को कभी भी बीम के नीचे नहीं लगाना चाहिए। बीम अलगाव का प्रतीक होता है। लेकिन अगर बेड वहीं लगाना मजबूरी हो तो बीम के नीचे बांसुरी या विंड चाइम लटका देना चाहिए। सोते हुए कभी भी अपने पीछे की खिड़की खोलकर न सोएं। अपने शयनकक्ष की फर्श को सप्ताह में एक बार पानी में समुद्री नमक घोलकर साफ करें। इससे यह नकारात्मकता दूर होती है।
वास्तु के अनुसार बेडरूम में आईना नहीं होना चाहिए। लेकिन प्रैक्टिकली ऐसा मुश्किल होता है इसलिए जब इस्तेमाल में न हो तो आईने को ढंककर रखना चाहिए। कमरे में रोमांटिक पोज़वाले युगल पक्षी की तस्वीर लगाने से पति पत्नी में प्रेम बना रहता है। इसे के साथ रोमांटिक पोज़वाले सेक्सी क्रिस्टल जोड़े व फोटो से भी बेडरूम सजाया जा सकता है। आपके बेडरूम में लोहे का फर्नीचर नहीं होना चाहिए साथ ही ये धनुषाकार, अर्धचंद्राकार या वृत्ताकार नहीं होना चाहिए। बिस्तर हमेशा आयताकार या चौकोर होना चाहिए। वास्तु के अनुसार डबल बेड पर दो सिंगल गद्दे के बजाय एक डबल साइ गद्दा होना चाहिए। बेडरूम में बहती नदी या झरने की तस्वीरें, नुकीले बर्फ के पहाड़ या एक्वेरियम कभी न रखें। जब इस्तेमाल में न हो तब अटैच टॉयलेट का दरवाजा बंद रखें। बेवजह का सामान इकट्ठा न करें। वास्तु के अनुसार प्रेमपूर्ण और सौहार्दपूर्ण संबंध के लिए पत्नी को अपने पति के बाईं ओर सोना चाहिए।