भारत में चाँदी को बहुत ही शुभ धातु माना गया है। छोटे बच्चों को चाँदी की पायल या कड़ा पहनाना एक बेहद ही आम परंपरा है। ज़्यादातर लोगों को सिर्फ़ यह पता है कि चाँदी के गहने पहनने का धार्मिक कारण है लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि इसके पीछे वैज्ञानिक और ज्योतिष कारण भी छिपा हुआ है।
ऐसा कहा जाता है कि चाँदी तनाव कम करने में मदद करती है, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है। बच्चों की नाज़ुक त्वचा और कमज़ोर इम्युनिटी को भी यह मज़बूत करती है। इसके अलावा चाँदी का संबंध चन्द्रमा से भी होता है, जो मन और भावनाओं को कंट्रोल करता है। यही कारण है कि चाँदी पहनना मानसिक और भावनात्मक विकास में मददगार होता है।
इम्युनिटी बूस्टर और बैक्टीरिया रक्षक
चांदी के गहनों की सबसे बड़ी खासियत है कि ये शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार, चांदी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल प्रॉपर्टीज होती हैं, जो बच्चों को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं। यही वजह है कि कई पुराने घरों में बच्चों को दूध चांदी के गिलास या कटोरी में पिलाया जाता है। इसके अलावा चांदी शरीर की गर्मी को भी संतुलित करती है। गर्मियों में पसीने की वजह से पैदा होने वाले स्किन एलर्जी और रैशेज से भी बचाव होता है।
मानसिक संतुलन और एकाग्रता में सहायक
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से चांदी का संबंध चंद्रमा से होता है। चंद्रमा मन का कारक होता है। अगर बच्चे की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, तो उसे चांदी पहनने की सलाह दी जाती है।
चांदी का कड़ा या चेन पहनने से बच्चों का गुस्सा, चिड़चिड़ापन और बेचैनी कम होती है। साथ ही यह एकाग्रता और स्मरण शक्ति को भी बेहतर करता है। पढ़ाई में मन लगाना और सोने से पहले दिमाग का शांत होना चांदी की ऊर्जा से संभव हो पाता है।
भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
बच्चों को बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए कई लोग काला टीका लगाते हैं, लेकिन चांदी की पायल या बिछिया भी इस मामले में उतनी ही प्रभावी मानी जाती है। चांदी धरती के नकारात्मक आवेश को सोख लेती है और सकारात्मक कंपन पैदा करती है।
कुछ ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अगर बच्चे का जन्म अशुभ ग्रह योगों में हुआ हो, तो चांदी के गहनों के प्रयोग से उसका प्रभाव कम किया जा सकता है। साथ ही यह भाग्य को मजबूत करने और ग्रह दोषों को दूर करने में भी मदद करती है।
कौन-कौन से गहने पहनाना फायदेमंद?
चांदी की पायल
पायल बच्चों के पैरों की नसों पर असर डालती है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। इससे शारीरिक विकास में सहायता मिलती है।
चांदी का कड़ा या चेन
हाथ में पहनने से यह हृदय की गति को नियमित करता है और मानसिक शांति प्रदान करता है। चेन गले के आसपास की नसों पर असर डालती है, जिससे बच्चे को नींद बेहतर आती है।
चांदी की अंगूठी
अंगूठी पहनने से मस्तिष्क से जुड़ी नसों को ऊर्जा मिलती है, जबकि बिछिया नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देती है।
इन बातों का खास ध्यान रखें
- चांदी के गहने खालिस और शुद्ध हों, ताकि उसका पूरा लाभ मिल सके।
- बच्चों को कभी भी बहुत भारी गहने न पहनाएं, इससे त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं।
- हर 15-20 दिन में चांदी को साफ करें ताकि उसकी प्राकृतिक चमक और ऊर्जा बनी रहे।





