MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

आज आपकी थाली में क्या है : जानिए सात्विक, राजसिक और तामसिक भोजन का प्रभाव, आयुर्वेद के अनुसार आहार नियम

Written by:Shruty Kushwaha
Published:
हवा और पानी के बाद हमारे लिए सबसे जरूरी है भोजन। भोजन हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह न सिर्फ ऊर्जा प्रदान करता है, बल्कि शरीर की वृद्धि, विकास और संपूर्ण कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है। आयुर्वेद के अनुसार, भोजन का निश्चित समय होना चाहिए। साथ ही आयुर्वेद में खाद्य संयोजन पर भी बहुत जोर दिया गया है।
आज आपकी थाली में क्या है : जानिए सात्विक, राजसिक और तामसिक भोजन का प्रभाव, आयुर्वेद के अनुसार आहार नियम

AI generated

Satvik, Rajasic and Tamasic food according to Ayurveda : कहते हैं ‘जैसा खाए अन्न, वैसा होए मन’। हम जो भोजन करते हैं उसका हमारे शरीर के साथ-साथ मन पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसीलिए हमारे यहां सादा, शुद्ध और घर का बना भोजन करने को महत्व दिया जाता है। आयुर्वेद भी भी भोजन को लेकर कई बातें बताई गई हैं, आहार नियम बताए गए हैं और समय, प्रकृति व मौसम के अनुसार खाद्य पदार्थ खाने का महत्व बताया गया है।

आधुनिक विज्ञान भी इस दृष्टिकोण का समर्थन करता है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन के अनुसार संतुलित और पौष्टिक आहार मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इससे अवसाद और तनाव जैसी समस्याओं का जोखिम कम होता है।

भोजन को लेकर क्या कहता है आयुर्वेद

आयुर्वेद के अनुसार, आहार को तीन गुणों में वर्गीकृत किया गया है जो हैं सात्विक, राजसिक और तामसिक। सात्विक आहार, जो ताजे फल, सब्जियां, अनाज और दूध उत्पादों पर आधारित होते हैं। ये मन को शांत और स्थिर रखते हैं। राजसिक आहार, जिसमें मसालेदार और तले हुए खाद्य पदार्थ शामिल हैं..मन में उत्तेजना और बेचैनी बढ़ा सकते हैं। वहीं तामसिक आहार, जैसे बासी या अत्यधिक पका हुआ भोजन, आलस्य और निष्क्रियता को बढ़ाता है।

सात्विक, राजसिक और तामसिक आहार

  • सात्विक आहार : ताजे, हल्के और शुद्ध भोजन जैसे फल, सब्जियां, दूध, घी, दाल और सूखे मेवे। यह शरीर को शक्ति और मन को शांति देता है।
  • राजसिक आहार : तीखा, मसालेदार और गरिष्ठ भोजन जैसे तली-भुनी चीजें, चाय, कॉफी, मांसाहार आदि। यह शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन अधिक मात्रा में लेने से तनाव और उत्तेजना बढ़ सकती है।
  • तामसिक आहार : बासी, बहुत ज्यादा तला हुआ, जंक फूड और नशायुक्त पदार्थ। यह शरीर को सुस्त और मन को नकारात्मक बनाता है।

आहार का प्रभाव

सात्विक भोजन मन को शांत, शुद्ध और संतुलित करता है। यह आध्यात्मिकता, बुद्धि और ऊर्जा को बढ़ाता है। राजसिक आहार उत्तेजना, ऊर्जा और गतिविधि को बढ़ाता है। लेकिन साथ ही गुस्सा, चिड़चिड़ापन और बेचैनी भी उत्पन्न कर सकता है। वहीं, यह सुस्ती, आलस्य, नकारात्मकता और मानसिक भ्रम पैदा कर सकता है। इसीलिए हमेशा अपने भोजन पर ध्यान दें और कोशिश करें कि घर का बना ताजा और शुद्ध भोजन किया जाए।

आयुर्वेद के अनुसार आहार नियम 

आयुर्वेद के अनुसार स्वस्थ जीवन के लिए आहार संबंधी कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक बताया है। भोजन हमेशा ताज़ा और गर्म होना चाहिए, क्योंकि यह पाचन तंत्र को सक्रिय रखता है और वात दोष को संतुलित करता है। भोजन करते समय मन को शांत और एकाग्र रखना चाहिए। टीवी देखना या मोबाइल का उपयोग करने से बचना चाहिए। भोजन को धीरे-धीरे और अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। अपने आहार में मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, तीखा और कसैला..इन छह रसों को शामिल करना चाहिए, जिससे शरीर को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिल सकें। भोजन के दौरान अधिक पानी पीने से बचना चाहिए।