पब्लिक में बोलने का डर करें दूर, जानें कॉन्फिडेंस बूस्ट करने के आसान टिप्स

Confidence Tips: पब्लिक में बोलने का डर आम समस्या है, लेकिन इसे दूर करना मुश्किल नहीं है। सही तैयारी, आत्मविश्वास और कुछ आसान टिप्स की मदद से आप अपने डर को खत्म कर सकते हैं।

भावना चौबे
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Confidence Tips: स्टूडेंट और कामकाजी प्रोफेशनल्स के लिए कॉन्फिडेंस होना न केवल कार्य क्षेत्र में सफलता पाने के लिए जरूरी है बल्कि यह व्यक्तिगत विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। खासकर तब बात स्टेज पर बोलने की आती है तो बहुत लोग ऐसे होते हैं जो घबराते हैं कुछ लोग तो ऐसे होते हैं जो स्टेज पर जाने से पहले ही घबराने लगते हैं।

स्टेज पर परफॉर्म करने या अपनी बात रखने से पहले थोड़ी घबराहट होना सामान्य है, लेकिन यह घबराहट खुद को बेहतर तरीके से तैयार करने और कुछ जरूरी टिप्स अपने से आसानी से कम की जा सकती है। सही तैयारी, अभ्यास और मानसिक दृष्टिकोण के साथ आप अपनी घबराहट पर काबू पा सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे आसान टिप्स बताएंगे, जिनकी मदद से आप धीरे-धीरे कॉन्फिडेंट बन सकते हैं।

शीशे में देखकर बात करें

प्रोफेशनल लाइफ में बातचीत को बेहतर बनाने और बड़े समूह के सामने बोलने या परफॉर्म करने का कॉन्फिडेंस हासिल करने के लिए मिरर टॉक बहुत ही असरदार तरीका हो सकता है। जब आप रोजाना शीशे के सामने खुद से बात करेंगे तो शुरुआत में आपको यह आसान नहीं लगेगा। पहले दिन शायद आपको खुद से बात करते वक्त भी पूरी तरह से कॉन्फिडेंट महसूस ना हो। लेकिन रोजाना प्रेक्टिस से धीरे-धीरे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप इस अभ्यास को रोजाना 5 से 10 मिनट करें। इससे न केवल आपके चेहरे के हाव-भाव में सुधार होगा बल्कि आपकी बॉडी लैंग्वेज और बातचीत के तरीके में भी फर्क दिखाई देगा।

बॉडी लैंग्वेज का रखें ध्यान

कॉन्फिडेंस सिर्फ आपकी बातों में नहीं बल्कि आपकी बॉडी लैंग्वेज में भी नजर आता है। इसका मतलब है कि आप जब उठते बैठते हैं या बात करते हैं तो आपकी बॉडी का पोस्चर सही होना चाहिए। आई कॉन्टेक्ट बनाना, बात करते वक्त हाथों की मुद्राओं का इस्तेमाल करना यह सब बातें आपके आत्मविश्वास को और भी मजबूत बनाती है। इसके लिए आप मेरे टॉप के साथ-साथ बड़े परफॉर्मेंस को ऑनलाइन देख सकते हैं।

छोटी-छोटी मौकों का उठाएं फायदा

पब्लिक स्पीकिंग स्किल को सुधारने के लिए छोटे-छोटे कदमों से शुरुआत करना बहुत फायदेमंद होता है। सबसे पहले आप अपनी आवाज को रिकॉर्ड करके सुनें। इससे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि किस तरह से आप अपनी आवाज को इमोशन के हिसाब से ढालते हैं, जैसे कि कब हाई नोट पर बोलना है और कब लो नोट पर। इसके अलावा आप दोस्तों परिवार के बीच छोटी प्रेजेंटेशन देने की प्रैक्टिस भी कर सकते हैं।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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