Beware of Love Bombing : आज के समय में डेटिंग और रिलेशनशिप में ‘लव बॉम्बिंग’ शब्द का काफी इस्तेमाल देखा जा रहा है। आख़िर क्या है लव बॉम्बिंग और इसके क्या खतरे हो सकते हैं। आज हम इसी बारे में बात करेंगे। लव बॉम्बिंग को आप एक प्रकार की व्यवहारिक रणनीति कह सकते हैं, जिसमें किसी भी रिश्ते के शुरुआत में सामने वाला आपपर प्यार का बम फोड़ देता है..मतलब बहुत ज्यादा केयर, प्यार जताना, तारीफ करना, बहुत सारा वक्त साथ गुजारना, महंगे तोहफे देना या आपको खुश करने के और भी सारे तरीके जो मुमकिन है वो सब करना।
तो आखिर इसमें खराबी क्या है ? अगर कोई बहुत प्यार कर रहा है, खयाल रख रहा है तो इसे तो अच्छी बात या पॉज़िटिव सिग्नल माना जाना चाहिए। लेकिन कहते हैं न कि अति हर चीज की बुरी होती है। यहां भी वही बात लागू होती है। दरअसल, लव बॉम्बिंग में सामने वाले व्यक्ति को यह महसूस कराया जाता है कि वो बहुत विशेष और महत्वपूर्ण हैं, लेकिन इसका उद्देश्य कुछ और होता है। ये आपको भावनात्मक रूप से सामने वाले पर निर्भरता बढ़ाने के लिए किया जाता है और एक बार व्यक्ति इस जाल में फँस जाए तो फिर सामने वाले का व्यवहार बदल जाता है।
क्या है Love Bombing
लव बॉम्बिंग का अर्थ है किसी व्यक्ति को शुरूआत में अत्यधिक प्रेम और ध्यान देकर उससे बहुत जल्द नज़दीकी बना लेना। ऐसा करने वाले व्यक्ति बहुत अधिक तारीफें करते हैं, महंगे उपहार देते हैं और सामने वाले को पूरी तरह से महसूस कराते हैं कि वह उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति है। आधुनिक डेटिंग और रिलेशनशिप में ‘लव बॉम्बिंग’ एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग अक्सर रिश्ते की शुरुआत में किया जाता है ताकि सामने वाले व्यक्ति को इमोशनली कंट्रोल में लिया जा सके। यह प्रक्रिया रिश्ते में दूसरे व्यक्ति को इतनी जल्दी और गहरे प्रभावित करती है कि वह उस व्यक्ति पर भावनात्मक रूप से निर्भर हो जाता है।
यह व्यवहार कुछ हफ्तों या महीनों तक चले, और इसके बाद, जैसे ही सामने वाला व्यक्ति लवबॉम्बर पर भावनात्मक रूप से निर्भर हो जाता है, लवबॉम्बर अपने व्यवहार में परिवर्तन करने लगता है। यह अक्सर नार्सिसिस्टिक या कंट्रोलिंग पर्सनैलिटी वाले लोगों द्वारा किया जाता है ताकि वे रिश्ते पर पूरी तरह से हावी हो सकें। लव बॉम्बिंग आमतौर पर एक स्वस्थ रिश्ते का हिस्सा नहीं होता, बल्कि इसे सामने वाले को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
लव बॉम्बिंग का मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
1. भावनात्मक निर्भरता : लवबॉम्बिंग के कारण व्यक्ति धीरे-धीरे उस रिश्ते पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, जिससे वह अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास में कमी महसूस करने लगता है।
2. नकारात्मक आत्मछवि : लवबॉम्बर शुरुआत में अत्यधिक प्यार दिखाकर इस व्यवहार को सामने वाले की आदत बना देता है, लेकिन धीरे-धीरे जब वह ध्यान कम करने लगता है तो दूसरा शख्स यह मानने लगता है कि शायद उसके अंदर ही कोई कमी है, जिससे आत्म-छवि प्रभावित होती है।
3. भावनात्मक अस्थिरता : लव बॉम्बिंग में सामने वाले व्यक्ति को लगातार भ्रमित किया जाता है, जिससे उसे इस रिश्ते की वास्तविकता और अपनी भावनाओं को समझने में कठिनाई होती है। यह मानसिक तनाव, चिंता और डिप्रेशन का कारण बन सकता है।
4. गैसलाइटिंग : लव बॉम्बिंग के बाद अक्सर ‘गैसलाइटिंग’ जैसी हरकतें होती हैं, जिससे सामने वाले को अपनी सोच और भावनाओं पर संदेह होने लगता है।
5. दूसरे लोगों से दूर करना : लव बॉम्बिंग करने वाला व्यक्ति सामने वाले को अपने दोस्तों और परिवार से दूर रखने की कोशिश कर सकता है, ताकि वह पूरी तरह से उस पर निर्भर हो जाए। इससे व्यक्ति अकेलापन और अवसाद का शिकार हो सकता है।
लव बॉम्बिंग को पहचानने के संकेत
1. अत्यधिक केयर : शुरुआत में यह व्यक्ति बहुत ध्यान और तारीफ करता है और यह सब बहुत जल्दी होता है। सामान्यत: इतनी जल्दी किसी रिश्ते में इतनी अधिक नज़दीकी नहीं बनती।
2. तेजी से किए जाने वाले वादे : लव बॉम्बर जल्द से जल्द रिश्ते में बड़ी बातें करने लगता है, जैसे “हमेशा साथ रहेंगे,” “तुमसे पहले मेरी जिंदगी अधूरी थी,” आदि।
3. भावनात्मक सीमाओं की अनदेखी : ये व्यक्ति अक्सर सामने वाले की भावनात्मक सीमाओं का सम्मान नहीं करते, बल्कि उनके निजी समय और फैसलों में दखल देने लगते हैं।
4. जल्दबाजी से रिश्ता पक्का करना : लवबॉम्बर तुरंत रिश्ते में किसी तरह की प्रतिबद्धता, शादी, या साथ में रहने की बात करता है, जिससे वह रिश्ते में अधिक नियंत्रण पा सके।
5. अप्रत्याशित उपहार या अत्यधिक व्यय : यह व्यक्ति बार-बार महंगे उपहार या अन्य तरीके से विशेष महसूस कराने की कोशिश करता है, जिससे सामने वाला उससे प्रभावित हो जाए और खुद को विशेष समझे।
Love Bombing से बचने के तरीके
1. समय लें और स्थिति का आकलन करें : किसी भी रिलेशनशिप में जल्दबाजी न करें। अगर कोई व्यक्ति अत्यधिक प्यार और ध्यान दे रहा है तो उसे धीरे-धीरे समझने का प्रयास करें।
2. सीमाएं बनाएं : रिश्ते में अपनी भावनात्मक और निजी सीमाएं स्पष्ट करें और उनकी रक्षा करें। यह सुनिश्चित करें कि सामने वाला आपकी भावनाओं और सीमाओं का सम्मान कर रहा है या नहीं।
3. दोस्तों और परिवार से सलाह लें : अपने रिश्ते के बारे में अपने दोस्तों और परिवार से बात करें। बाहरी लोगों की राय आपके लिए उपयोगी हो सकती है क्योंकि वे स्थिति को निष्पक्षता से देख सकते हैं।
4. स्वतंत्रता बनाए रखें : अपने निजी समय, शौक, और अन्य रुचियों को बनाए रखें। रिश्ते के बाहर भी अपनी पहचान बनाना महत्वपूर्ण है।
5. अचानक होने वाले बदलाव को पहचानें : अगर शुरूआत में अत्यधिक ध्यान देने वाला व्यक्ति अचानक बदल जाता है, तो इस बदलाव पर ध्यान दें और इसके बारे में सोचें।
6. मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्रोफेशनल मदद : यदि आप मानसिक या भावनात्मक तनाव महसूस कर रहे हैं, तो एक प्रोफेशनल काउंसलर या थेरेपिस्ट से सहायता लेना भी फायदेमंद हो सकता है।