क्या आपने कभी सोचा है कि आपकी असली उम्र आपकी जन्मतिथि से अलग हो सकती है? जी हां..विज्ञान कहता है कि आपकी बायलॉजिकल एज (जैविक उम्र) आपकी क्रोनोलॉजिकल एज (कालानुक्रमिक उम्र) से बिल्कुल अलग हो सकती है। ये बात न सिर्फ स्वास्थ्य के प्रति हमारी सोच को बदल सकती है, बल्कि ये भी सिखा सकती है कि हम समय को पछाड़कर लंबा, स्वस्थ, और ऊर्जावान जीवन जी सकते हैं।
यह नया वैज्ञानिक दृष्टिकोण न सिर्फ हमें लंबे और स्वस्थ जीवन की ओर ले जा रहा है, साथ ही यह भी बता रहा है कि हम अपनी उम्र को “कम” कैसे रख सकते हैं। आइए इस रोमांचक वैज्ञानिक खोज को और गहराई से समझते हैं कि आप अपनी बायलॉजिकल एज को कैसे कम रख सकते हैं।
बायलॉजिकल एज और क्रोनोलॉजिकल एज क्या है
उम्र बढ़ना हर किसी के जीवन का अनिवार्य हिस्सा है, लेकिन क्या आपकी असली उम्र वही है जो आपके जन्मदिन की तारीख बताती है? इस सवाल का जवाब विज्ञान के पास है और अब बायोलॉजिकल एज यानी जैविक उम्र को लेकर नए-नए तथ्य सामने ला रहा है, जो आपके शरीर और दिमाग की वास्तविक उम्र को दर्शाती है।
बायलॉजिकल एज आपके शरीर की जैविक स्थिति को दर्शाती है..यानी आपके अंग, टिश्यू और सेल्स कितने स्वस्थ या “युवा” हैं। यह इस बात का माप है कि आपका शरीर कितनी अच्छी तरह काम कर रहा है। दूसरी ओर, क्रोनोलॉजिकल एज आपकी जन्मतिथि से गणना की गई उम्र है जो समय के साथ बढ़ती है। वैज्ञानिकों के अनुसार, बायलॉजिकल एज कोशिकाओं की स्थिति खासकर टेलोमेयर (क्रोमोसोम के सिरे) की लंबाई और एपिजेनेटिक बदलावों(डीएनए मिथाइलेशन) से मापी जाती है। ये मार्कर बताते हैं कि आपका शरीर कितनी तेजी से उम्र बढ़ रहा है।
उदाहरण के लिए..40 साल का एक व्यक्ति जो नियमित व्यायाम करता है, स्वस्थ भोजन करता है और तनाव से बचता है.. उसकी बायलॉजिकल एज 30 साल हो सकती है। वहीं, धूम्रपान करने वाला या अस्वस्थ जीवनशैली अपनाने वाला व्यक्ति 40 साल की उम्र में 50 साल की बायलॉजिकल एज का हो सकता है।
क्या कहता है विज्ञान
हाल के शोध, जैसे ‘जर्नल ऑफ जेरॉन्टोलॉजी’ में छपा एक अध्ययन बताता है कि एपिजेनेटिक क्लॉक एक नया और शानदार तरीका है जिससे हम अपनी बायलॉजिकल एज माप सकते हैं। यह डीएनए में होने वाले कुछ खास बदलावों को देखता है, जो यह दिखाते हैं कि हमारा शरीर कितनी तेजी से बूढ़ा हो रहा है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने खोजा है कि अगर हम अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव करें जैसे स्वस्थ खाना, व्यायाम करना और तनाव कम करना तो हमारे टेलोमेयर की लंबाई बढ़ सकती है। इससे हमारी जैविक उम्र कम हो सकती है, यानी हमारा शरीर ज्यादा जवान रह सकता है।
बायलॉजिकल एज कम रखने के लिए क्या करें
- स्वस्थ आहार: विज्ञान समर्थित कुछ उपाय जो आपकी जैविक उम्र को कम रख सकते हैं। इनमें सबसे पहले है अच्छा भोजन। फल, सब्जियां, साबुत अनाज और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें। प्रोसेस्ड फूड और चीनी से बचें। मेडिटेरेनियन डाइट को अपनाएं जिसमें नट्स, जैतून का तेल,और मछली शामिल हैं।
- नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मॉडरेटर इंटेंसिटी वाली एरोबिक एक्टिविटी करें। साथ ही मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करें। एक अध्ययन में पाया गया कि High-Intensity Interval Training टेलोमेयर की लंबाई बढ़ाने में प्रभावी है।
- पर्याप्त नींद: 7-8 घंटे की अच्छी नींद कोशिकाओं की मरम्मत और तनाव कम करने में मदद करती है।
- स्ट्रेस मैनेजमेंट: योग, ध्यान या माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें। पुराना तनाव कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाता है, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान टेलोमेयर को छोटा करता है और बहुत ज्यादा शराब सूजन को बढ़ाती है।
- नियमित स्वास्थ्य जांच: बीपी, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर की नियमित जांच कराएं।





