दुनिया के अलग अलग हिस्सों में बच्चे के जन्म पर होने वाली परंपराएं, जानिए कैसे करते हैं नवजात का स्वागत

किसी भी परिवार में बच्चे का जन्म एक महत्वपूर्ण और भावनात्मक घटना होती है, जो न केवल परिवार के सदस्यों के जीवन को बदल देती है बल्कि उनके रिश्तों में भी नई उमंग और खुशियों का संचार करती है। बच्चे का जन्म पारिवारिक-सामाजिक परंपराओं और संस्कारों का अगला चरण भी होता है। यह अवसर परिवार के सदस्यों को एकजुट करता है, जहां सभी मिलकर नन्हे मेहमान का स्वागत करते हैं। त्यौहारों, धार्मिक अनुष्ठानों और उत्सवों के माध्यम से बच्चे को सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का परिचय दिया जाता है।

Baby

Birth Traditions Around the World : बच्चे का जन्म किसी भी परिवार के जीवन में एक बेहद महत्वपूर्ण और भावनात्मक घटना होती है। यह पल न केवल माता-पिता के जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत करता है, बल्कि पूरे परिवार के लिए भी अनगिनत खुशियों और उम्मीदों का प्रतीक बन जाता है। जब किसी परिवार में नया जीवन आता है तो वह सिर्फ एक नवजात शिशु नहीं होता बल्कि वह आशाओं, सपनों और जिम्मेदारियों का एक अदृश्य धागा होता है जो सभी को आपस में और भी गहराई से जोड़ देता है।

दुनिया भर में बच्चों के जन्म से संबंधित परंपराएं एक खास सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा होती हैं। ये परंपराएं परिवार और समुदाय को नवजात के साथ जोड़ती हैं और जीवन की नई शुरुआत का स्वागत करती हैं। विभिन्न देशों की ये परंपराएं हमें दिखाती हैं कि कैसे हर संस्कृति जीवन के इस महत्वपूर्ण क्षण को अपनी अनूठी शैली में मनाती है।

दुनिया भर में बच्चों के जन्म पर होने वाली अनोखी परंपराएं

बच्चों का जन्म हर संस्कृति में एक महत्वपूर्ण घटना होती है और दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसके साथ कई अनोखी, अनूठी और प्राचीन परंपराएं जुड़ी होती हैं। ये परंपराएं परिवार और समुदाय की उम्मीदों, आध्यात्मिक मान्यताओं और सामाजिक संबंधों को दर्शाती हैं। आज हम दुनिया के विभिन्न देशों की कुछ अद्भुत परंपराओं पर नज़र डालेंगे, जो बच्चों के जन्म के समय निभाई जाती हैं।

1. भारतछठी और नामकरण संस्कार

भारत के विभिन्न हिस्सों में बच्चों के जन्म के बाद कई धार्मिक और सांस्कृतिक रस्में होती हैं। जन्म के छठे दिन “छठी” मनाई जाती है, जिसमें मान्यता है कि उस दिन बच्चे की किस्मत लिखी जाती है। इसके बाद “नामकरण संस्कार” होता है, जिसमें बच्चे को आधिकारिक नाम दिया जाता है। यह संस्कार परिवार और समाज के लोगों के बीच बच्चे का परिचय कराता है। भारत के अलग अलग हिस्सों में बच्चे के जन्म को लेकर कई अन्य परंपराएं और मान्यताएं प्रचलित हैं।

2. नाइजीरिया – ‘ओमुगोपरंपरा

नाइजीरिया के इग्बो समुदाय में बच्चे के जन्म के बाद एक विशेष परंपरा निभाई जाती है जिसे ‘ओमुगो’ कहते हैं। इस परंपरा में नवजात शिशु की माँ के साथ उसकी माँ या सास 40 दिनों तक रहती हैं और उसकी देखभाल करती हैं। यह समय परिवार को आपसी संबंधों को मजबूत करने और नवजात शिशु की विशेष देखभाल के लिए समर्पित होता है।

3. जापानओमीयामैरि (Omiyamairi)

जापान में बच्चे के जन्म के बाद “ओमीयामैरि” नामक परंपरा होती है, जिसमें नवजात को मंदिर में ले जाकर देवी-देवताओं से आशीर्वाद दिलवाया जाता है। यह परंपरा बच्चे के भविष्य के लिए शुभ माना जाता है। आमतौर पर यह रस्म जन्म के पहले महीने के भीतर की जाती है।

4. मेक्सिकोबाजादेवा (Bajada de Velo)

मेक्सिको में बच्चों के जन्म के बाद एक धार्मिक आयोजन होता है जिसे बाजादेवा (Bajada de Velo) कहा जाता है। इस दौरान बच्चे को चर्च में लाकर उसकी पहली पूजा कराई जाती है और उसे परिवार के नए सदस्य के रूप में स्वीकृत किया जाता है। इसके साथ ही बच्चे को पारंपरिक कपड़ों में सजाया जाता है और उसे भगवान की छत्रछाया में रखा जाता है।

5. माओरी समुदाय, न्यूज़ीलैंडपेपे तियाकी (Pēpe Tīaki)

न्यूज़ीलैंड के माओरी समुदाय में जन्मे बच्चे को खास मान्यता दी जाती है। इस परंपरा में नवजात का नाल और गर्भनाल एक पवित्र स्थान पर, जैसे परिवार की जमीन या महत्वपूर्ण पेड़ के नीचे दफनाया जाता है। यह माओरी संस्कृति में बच्चे को उनकी मातृभूमि से जोड़ने की प्रक्रिया मानी जाती है, जिससे उन्हें जीवनभर के लिए आध्यात्मिक संबंध प्राप्त होता है।

6. थाईलैंडवेट प्रींग गुआर्ड (Wai Khru)

थाईलैंड में, बच्चे के जन्म के बाद एक खास परंपरा होती है जिसे वेट प्रींग गुआर्ड कहते हैं। इसमें बच्चे के लिए मंदिर में विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा बच्चे के सिर के बालों को मुंडवाने की परंपरा भी होती है, जिसे पवित्र और शुद्धिकरण का प्रतीक माना जाता है।

7. मंगोलियानाल काटने की परंपरा

मंगोलिया में बच्चों के जन्म के कुछ समय बाद एक रस्म होती है जिसमें बच्चे के पहले बाल काटे जाते हैं। यह प्रक्रिया बहुत ही धार्मिक और सांस्कृतिक होती है, और इसमें परिवार के सदस्य व महत्वपूर्ण लोग बच्चे के बाल काटने का सम्मान प्राप्त करते हैं। इस समारोह के बाद बच्चे को शुभकामनाएं और उपहार दिए जाते हैं।

(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं।)

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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