क्या आपने कभी सोचा है कि आप कितना खा रहे हैं, इसका रिश्ता आपकी थाली के रंग से हो सकता है? जी हां..मनोवैज्ञानिक शोध बताते हैं कि प्लेट का रंग आपके खाने की मात्रा और भूख को प्रभावित कर सकता है। मनोविज्ञान और खाद्य विज्ञान के अध्ययनों से पता चलता है कि प्लेट का रंग न सिर्फ आपके खाने के प्रेजेंटेशन को बेहतर बनाता है, बल्कि यह आपके दिमाग को यह भी बताता है कि आप कितना खाना चाहते हैं।
Cornell University की एक स्टडी के अनुसार जब हमारी थाली का रंग हमारे खाने से मेल खाता है, यानी दोनों एक जैसे होते हैं, तो हम ज़्यादा खाना खा लेते हैं। इसे ‘low contrast effect’ कहा जाता है। दूसरी तरफ, अगर थाली और भोजन के रंग में बहुत अंतर हो, तो हम कम मात्रा में खाना खाते हैं। इसे ‘high contrast effect’ कहते हैं। उदाहरण के लिए सफेद प्लेट में क्रीम पास्ता आप ज़्यादा खा लेंगे। लेकिन नीली प्लेट में वही पास्ता आप कम खाएंगे। यह आंख और दिमाग की “विज़ुअल ट्रिक” है: जब खाना प्लेट से साफ़-साफ़ अलग दिखता है, तो दिमाग उसे जल्दी नोटिस करता है और पेट जल्दी ‘भरा’ हुआ महसूस करता है।
प्लेट के रंग का खाने से संबंध
रंग हमारे मूड, भावनाओं, यहां तक कि भूख को भी प्रभावित करते हैं। रेस्तरां और खाद्य उद्योग इस बात को अच्छी तरह समझते हैं और अपने मेनू, टेबलवेयर और यहाँ तक कि दीवारों के रंगों का चयन सोच-समझकर करते हैं। फाइन डाइनिंग में अक्सर सफेद या काली प्लेटें इस्तेमाल होती हैं, ताकि खाना आकर्षक और प्रीमियम लगे। हम कुछ प्रमुख रंगों का भूख पर प्रभाव जानेंगे।
लाल रंग: लाल रंग ऊर्जा और उत्साह का प्रतीक है। यह हृदय गति को बढ़ाता है और भूख को उत्तेजित करता है। यही कारण है कि कई फास्ट-फूड चेन जैसे मैकडॉनल्ड्स अपने लोगो और इंटीरियर में लाल रंग का उपयोग करते हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि लाल प्लेट पर परोसा गया खाना लोगों को अधिक आकर्षक लगता है।
नीला रंग: नीला रंग शांति और ठंडक का प्रतीक है। यह भूख को दबाने में मदद करता है, क्योंकि प्रकृति में नीले रंग के खाद्य पदार्थ बहुत कम होते हैं। 2011 में Appetite पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, नीली प्लेट पर खाना परोसने से लोग कम खाते हैं। इसलिए अगर आप डाइटिंग कर रहे हैं, तो नीली प्लेट आपकी दोस्त हो सकती है।
सफेद रंग: सफेद प्लेटें क्लासिक और सामान्य हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आपकी भूख को बढ़ा सकती हैं? सफेद प्लेट पर खाना कम मात्रा में दिखता है, जिसके कारण लोग अनजाने में ज्यादा खा लेते हैं। इसे “डेलबोउफ भ्रम” (Delboeuf Illusion) कहते हैं।
हरा रंग: हरा रंग ताजगी और स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह सब्जियों और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों से जुड़ा है, जिससे लोग हरे रंग की प्लेट पर परोसे गए खाने को ज्यादा पौष्टिक मानते हैं। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जो स्वस्थ खाने की आदत डालना चाहते हैं।
हालांकि रंगों का भूख पर प्रभाव सांस्कृतिक संदर्भों पर भी निर्भर करता है। भारत में, जहां स्टील की थालियां और रंग-बिरंगी प्लेटें आम हैं, लोग रंगों के प्रति कम संवेदनशील हो सकते हैं। लेकिन पश्चिमी देशों में, जहां एक समान रंग की प्लेटें (जैसे, सफेद या काली) ज्यादा प्रचलित हैं, कंट्रास्ट का प्रभाव ज्यादा स्पष्ट होता है।
क्या है Delboeuf Illusion
रंगों के साथ-साथ प्लेट का आकार भी मायने रखता है। छोटी और गहरे रंग की प्लेटें आपको कम खाने में मदद कर सकती हैं, क्योंकि इन पर खाना ज्यादा भरा हुआ दिखता है। इसका मतलब ये हुआ कि आपके खाने का पोर्शन न सिर्फ रंगों पर, बल्कि प्लेट के आकार और खाने की प्रस्तुति पर भी निर्भर करता है। एक अध्ययन में पाया गया कि अगर प्लेट का रंग खाने से मेल खाता है और प्लेट बड़ी है तो लोग 20-30% तक ज्यादा खाना परोस सकते हैं। उदाहरण के लिए बड़े आकार की सफेद प्लेट पर सफेद चावल या दाल कम मात्रा में दिखते हैं, जिससे लोग ज्यादा ले लेते हैं।
(डिस्क्लेमर: ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)





