खाना नहीं ज़हर है आपके दिमाग के लिए, भूलकर भी न खाएं ये 5 चीज़ें, माइंडफुल ईटिंग से बनाएं अपने माइंड को सुपरएक्टिव

भोजन और दिमाग का रिश्ता स्मार्टफोन और चार्जर जैसा है। सही खाना आपके दिमाग को सुपरपावर देता है। इसीलिए जरूरी है कि आप ध्यान रखें कि क्या खा रहे हैं क्योंकि सही पोषण दिमाग की तेजी, एकाग्रता और मूड बूस्टर का काम करता है..ठीक वैसे ही जैसे चार्जर आपके फोन को ताकत देता है। गलत या अपर्याप्त भोजन दिमाग को धुंधला और आलसी बना सकता है जिससे सोचने की क्षमता, याददाश्त और निर्णय लेने की शक्ति कमजोर पड़ती है। 

Boost your brain power with mindful eating : हमारा दिमाग शरीर का सबसे खास हिस्सा है। ये हर काम को कंट्रोल करता है चाहे वह सोचना हो, याद रखना हो या फैसले लेना हो। इसलिए हमें अपने दिमाग का खास खयाल रखना चाहिए और इसके लिए दिमाग को सही खुराक मिले ये बहुत जरूरी है। क्या आप जानते हैं कि आपका भोजन आपके दिमाग को तेज भी बना सकता है या फिर कमजोर भी कर सकता है। इसलिए माइंडफुल ईटिंग जरूरी है।

आज के डिजिटल दौर में जहां हर सेकंड नई जानकारी सामने आ रही है..तेज़ दिमाग और बेहतर याददाश्त की आवश्यकता पहले से कहीं ज्यादा हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिमाग सिर्फ सोचने की मशीन नहीं, बल्कि एक ‘बायोलॉजिकल सुपरकंप्यूटर’ है जिसकी अपनी ज़रूरतें हैं। अगर इसकी सही देखभाल न की जाए तो यह थकने, धीमा होने या समय से पहले बूढ़ा होने लगता है।

अपने दिमाग का रखे अच्छे से खयाल

दिमाग हमारे शरीर का ‘कंट्रोल रूम’ है। यह न्यूरॉन्स से बना होता है जो एक-दूसरे से सिग्नल भेजते हैं। अच्छा और सही भोजन हमारे दिमाग को ताकत देता है। जबकि गलत खाना इन सिग्नल्स को कमजोर कर सकता है। सही खुराक से स्मृति, एकाग्रता और मूड बेहतर होता है।

क्या होती है माइंडफुल इटिंग

माइंडफुल इटिंग का मतलब है अपने भोजन को पूरे ध्यान और जागरूकता के साथ खाना। इसमें धीरे-धीरे चबाना, खाने के स्वाद, गंध और बनावट का आनंद लेना और भूख व तृप्ति के संकेतों को सुनना शामिल है। यह भोजन के प्रति कृतज्ञता बढ़ाता है, पाचन में सुधार करता है और ज्यादा खाने से रोकता है। बस, खाते समय टीवी या फोन से ध्यान हटाकर खाने पर फोकस करें। इस तरह भोजन करने से आपके दिमाग और पूरे शरीर को सही और बेहतर पोषण मिलता है।

दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए इन चीजों से करें परहेज

  • ज्यादा चीनी: अगर आप बहुत ज्याजा शक्कर ले रहे हैं तो ये शरीर में सूजन बढ़ाती है और ब्रेन-ड्राइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (BDNF) को कम कर देती है, जो स्मृति और सीखने की प्रक्रिया के लिए ज़रूरी है। मिठाइयां, कोल्ड ड्रिंक और केक दिमाग में सूजन बढ़ाते हैं, जिससे याददाश्त कमजोर हो सकती है। आर्टिफ़िशियल शुगर में अस्पार्टेम जैसे तत्व न्यूरोटॉक्सिक हो सकते हैं जो मानसिक तनाव बढ़ा सकते हैं।
  • जंक फूड: इनमें मौजूद ट्रांस फैट और एडिटिव्स मस्तिष्क की कोशिकाओं को क्षति पहुंचा सकते हैं। बर्गर, पिज्जा, चिप्स जैसे फास्ट फूड दिमाग को सुस्त करते हैं और एकाग्रता घटाते हैं।
  • तले हुए पदार्थ: इनमें भी ट्रांस फैट होता है, जो दिमाग की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और अल्जाइमर का खतरा बढ़ाता है।
  • ज्यादा नमक: इससे ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जो दिमाग में खून के प्रवाह को कम कर सकता है।
  • शराब: लंबे समय तक अल्कोहल के सेवन से हिप्पोकैम्पस सिकुड़ता है, यही हिस्सा याददाश्त के लिए ज़िम्मेदार होता है। ज्यादा शराब पीने से दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होती हैं, जिससे सोचने की शक्ति कम होती है।

दिमाग के लिए सही भोजन

  • हेल्दी फैट: मछली, अखरोट और अलसी के बीज में ओमेगा-3 होता है, जो दिमाग को तेज करता है।
  • फल और सब्जियां: ब्लूबेरी, पालक, ब्रोकली में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो दिमाग को नुकसान से बचाते हैं।
  • साबुत अनाज और प्रोटीन: ओट्स, दाल, अंडे दिमाग को लगातार ऊर्जा देते हैं।
  • हल्दी: खाने में हल्दी डालने से दिमाग स्वस्थ रहता है और सूजन कम होती है।
  • पानी: दिन में 8-10 गिलास पानी पीने से दिमाग चुस्त रहता है।

दिमाग तेज रखने के टिप्स

  • भोजन का पोर्शन साइज: दिन में 4-5 बार थोड़ा-थोड़ा खाएं ताकि दिमाग को लगातार ऊर्जा मिले।
  • अच्छी नींद: 7-8 घंटे की नींद दिमाग को तरोताजा रखती है।
  • व्यायाम: रोज 30 मिनट टहलें या योग करें, इससे दिमाग में खून का प्रवाह बढ़ता है।
  • कम कैफीन: ज्यादा चाय-कॉफी से नींद खराब हो सकती है, जो दिमाग के लिए ठीक नहीं।
  • मेडिटेशन: रोज 10 मिनट ध्यान करने से तनाव कम होता है और एकाग्रता बढ़ती है।

About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News