शरीर में कैल्शियम की कमी की स्थिति होती है खतरनाक, ऐसे करें पहचान

Calcium

Calcium Deficiency Diseases Symptoms: खराब लाइफस्टाइल और खराब खानपान के कारण शरीर में सही समय पर पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते हैं। जिसके कारण कई शरीर कई समस्याओं के चपेट में आ जाता है। उन्हीं में से एक कैल्शियम हैं। जो कि शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। अगर शरीर में इसकी कमी हो जाती है तो यह कई समस्याओं को पैदा करता है। वहीं इसकी कमी को पूरा करने के लिए ड्राई फ्रूट्स, डेयरी प्रोडक्ट, हरी पत्तेदार सब्जियां, दूध और दही का सेवन करना चाहिए। आइए जानते हैं कि शरीर में कैल्शियम की कमी होने पर क्या लक्षण दिखते हैं।

कैल्शियम की कमी से दिखने वाले लक्षण

थकान

कैल्शियम एक जरूरी पोषक शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है। जिसकी कमी से शरीर में थकावट होने लगती है। वहीं इसकी कमी से कमजोरी भी होने लगती है। साथ ही नींद न आने की समस्या भी होने लगती है।

हड्डियों होने लगती है कमजोर

कैल्शियम हमारी शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक न्यूट्रिएंट्स होता है। शरीर में कैल्शियम की कमी से हड्डियां कमजोर होने लगती है। जिसके कारण वह कभी टूट सकती है। वहीं इस गंभीर स्तिथि को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।

तनाव

शरीर में कैल्शियम की कमी से लोग तनाव की स्थिति से गुजरने लगते हैं। बता दें तनाव बहुत शरीर के लिए काफी खतरनाक होता है।

मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या

अगर मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो रही है तो यह आपके शरीर में कैल्शियम की कमी को ओर इशारा कर रहा है। वहीं इसकी कमी से आपकी मांसपेशिया कोमल हो जाती है। जिसके कारण उनमें क्रैंप्स का खतरा बढ़ जाता है।

याददाश्त में कमी की समस्या

अगर आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है तो यह याददाश्त को धीरे धीरे कमजोर बना देती है। जिसके कारण आप कई समस्याओं से जूझने लगते हैं। वहीं याददाश्त की कमी से आप सही समय पर सही निर्णय लेने में सक्षम नहीं हो पाते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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