क्या सच में कर्मों से बदल सकती है इंसान की उम्र? पढ़ें प्रेमानंद जी महाराज का जवाब

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) ने अपने ज्ञान से एक अहम खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने यह बताया कि क्या कर्मों से इंसान की उम्र पर असर पड़ सकता है? इस सवाल का जवाब जानना हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है.

Bhawna Choubey
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प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Maharaj) का प्रवचन सुनने के लिए लोग दूर दूर से आते हैं. सोशल मीडिया पर भी उनकी वीडियो ख़ूब वायरल होती है, उनकी बातों को सुनना सबको बहुत पसंद है. हर कोई अपने मन की उलझनों को सुलझाने के लिए प्रेमानंद जी महाराज के पास पहुँचता है, प्रेमानंद जी महाराज के बताए गए मार्गदर्शन पर चलकर हर व्यक्ति अपने जीवन को ख़ुशहाल बनाता है. प्रेमानंद जी महाराज बहुत ही सरल और साधारण जीवन जीते हैं, वे लोगों को भी हमेशा सरल रहने की ही सलाह देते हैं.

प्रेमानंद जी महाराज सभी के प्रश्नों के उत्तर बड़ी ही सहजता के साथ देते हैं. वे जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों का समाधान कुछ इस तरह देते हैं कि हर एक व्यक्ति अपने आपको उनके पास जाकर धन्य समझने लगता है. इसी तरह एक बार प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन में पहुँचे भक्तों ने पूछा कि महाराज क्या कर्मों सी उम्र कम और ज़्यादा होती है? चलिए जानते ही प्रेमानंद जी महाराज ने इसका क्या उत्तर दिया.

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कर्मों से बदल सकती है इंसान की उम्र?

प्रेमानंद जी महाराज ने जवाब देते हुए बताया कि सबसे पहले हमें यह समझने की आवश्यकता है कि पिछले जन्म में किए गए कर्मों के माध्यम से ही इस जन्म की उम्र का निर्धारण होता है. प्रेमानंद जी महाराज ने समझाते हुए कहा कि अगर आपके पिछले जन्म के कर्म अच्छे हैं, तो नए जन्म में आपकी उम्र ज़्यादा हो सकती है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि आप इस नए जन्म में अपराध करने के बावजूद भी ज़्यादा उम्र तक जी पाएंगे.

कर्मों और आदतों से तय होती है उम्र की लंबाई

उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया, कि मान लीजिए अगर किसी व्यक्ति की आयु 80 साल निर्धारित है, लेकिन उसने कई अपराध कर रखे हैं, तो ज़रूरी नहीं है कि वह 80 साल जिएगा, आपकी अकाल मृत्यु हो सकती है या फिर आपको ऐसी सजा मिल सकती है जिसमें आपकी मौत हो सकती है. इतना ही नहीं प्रेमानंद जी महाराज ने यह भी बताया कि जो व्यक्ति सूर्योदय तक नहीं उठा पाता है वह भी कहीं न कहीं अपनी उम्र को घटा रहा है, सूर्योदय से पहले या सूर्योदय के समय तक उठने वाले व्यक्ति लंबा जीवन जीते हैं. सुबह लेट उठने की आदत न सिर्फ़ बुद्धि को नष्ट करती हैं, बल्कि चेहरे को बूढ़ा भी बना देती है, इसलिए कम उम्र में ही बुढ़ापा जल्दी नज़र आने लगता है.

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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