मोटापा भगाने का इलाज..मोटा अनाज, वजन कम करने के लिए अपने भोजन में शामिल कीजिये ये मिलेट्स

मोटापा कम करने के लिए मिलेट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। इनमें कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। फाइबर लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है। मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। इन्हें आप दलिया, खिचड़ी, रोटी, पराठे, पुलाव या सलाद के रूप में खा सकते हैं। इनके नियमित सेवन से न सिर्फ वजन घटता है, बल्कि यह शरीर को जरूरी पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं। 

Shruty Kushwaha
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Coarse Grain

Coarse Grain for weight loss : आज के समय में मोटापा (Obesity) एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन गई है। भागमभाग वाली जीवनशैली, खानपान की आदतें, शारीरिक गतिविधियों की कमी और मानसिक तनाव जैसी कई वजहें हैं जिस कारण मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रहा है। खासकर बच्चों में इस समस्या का प्रभाव बहुत देखा जा रहा है और इस कारण वो कई अन्य परेशानियों से भी ग्रस्त हो जाते हैं।

मोटाके के कई कारणों में से एक प्रमुख वजह गलत खानपान की आदत है। बहुत ज्यादा जंक फूड, बाहर का खाना, शक्कर वाली चीजें, तले हुए खाद्य पदार्थ और कम पोषक तत्वों वाले आहार के कारण शरीर में कैलोरी जमा होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। मोटापे से कई तरह की बीमारियों का खतरा होता है जिनमें हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़, स्लीप एपनिया और जोड़ों के दर्द जैसी गंभीर बीमारियां शामिल हैं। इसीलिए समय रहते अपने भोजन में सुधार करना जरूरी है।

मोटापा दूर करने के लिए खाइए मोटा अनाज

अगर आपको मोटापा भगाना है तो मोटे अनाज का सहारा लीजिए। साबित हो चुका है कि मोटापा और वजन कम करने के लिए मिलेट यानी की मोटे अनाज एक उत्तम विकल्प है। अच्छी बात ये है कि सिर्फ मोटापा ही नहीं, कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मिलेट्स काफी फायदेमंद साबित होते हैं। ये अनाज पोषण से भरपूर होते हैं जो शरीर के लिए जरूरी है, साथ ही इनमें फाइबर की मात्रा भी ज्यादा होती है। आज हम मिलेट्स के विभिन्न प्रकार के गुण, उनके लाभ और उन्हें कैसे खाएं, इस बारे में जानेंगे।

विभिन्न प्रकार के मिलेट्स और उनके लाभ

1. बाजरा (Pearl Millet / Bajra)
गुण: बाजरा ऊर्जा से भरपूर, फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स जैसे आयरन, मैग्नीशियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत है। यह पाचन क्रिया को सुधारता है और शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को घटाता है।
लाभ: बाजरा मोटापा घटाने में सहायक है क्योंकि यह धीरे-धीरे पचता है, जिससे भूख देर तक नहीं लगती। इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करता है।
कैसे खाएं: बाजरे की रोटियां, खिचड़ी, या बाजरे का दलिया बना सकते हैं।

2. ज्वार (Sorghum / Jowar)
गुण: ज्वार में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा होती है। यह ग्लाइसेमिक इंडेक्स में भी कम होता है, जिससे ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।
लाभ: ज्वार वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि यह पेट को भरकर लंबे समय तक संतुष्टि प्रदान करता है और उच्च फाइबर के कारण पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाता है।
कैसे खाएं: ज्वार का आटा रोटियां, पराठे, या पोहा बनाने में उपयोग कर सकते हैं।

3. रागी (Finger Millet / Ragi)
गुण: रागी कैल्शियम, आयरन और फाइबर का समृद्ध स्रोत है। इसमें कम कैलोरी होती है और यह पेट को देर तक भरा रखता है।
लाभ: रागी वजन कम करने में सहायक होता है क्योंकि यह ऊर्जा को धीरे-धीरे रिलीज करता है, जिससे भूख नियंत्रित रहती है। इसमें मौजूद फाइबर कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं।
कैसे खाएं: रागी की रोटियां, डोसा, रागी का हलवा या रागी के लड्डू बनाकर खा सकते हैं।

4. कोदो (Kodo Millet)
गुण: कोदो में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और पाचन को बेहतर बनाता है।
लाभ: कोदो वजन घटाने में सहायक है क्योंकि यह कम कैलोरी वाला और उच्च फाइबर सामग्री वाला है, जो पेट को भरा रखने में मदद करता है।
कैसे खाएं: कोदो की खिचड़ी, सलाद, या कोदो का दलिया खा सकते हैं।

5. सामी (Little Millet)
गुण: सामी में फाइबर और मिनरल्स की भरपूर मात्रा होती है। यह पेट को भरा रखने में मदद करता है और वजन घटाने में सहायक है।
लाभ: सामी मोटापा कम करने के लिए बेहतरीन है क्योंकि यह ऊर्जा के स्तर को बनाए रखते हुए शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को कम करता है।
कैसे खाएं: सामी को पुलाव, खिचड़ी या उपमा बना सकते हैं।

6. कुट्टू (Buckwheat)
गुण: कुट्टू में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर के मेटाबोलिज्म को बढ़ाते हैं।
लाभ: कुट्टू वजन घटाने में मदद करता है क्योंकि इसमें कैलोरी कम होती है और यह ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है। यह पेट को जल्दी भरता है, जिससे अधिक खाने की आदतें नियंत्रित होती हैं।
कैसे खाएं: कुट्टू की रोटियां, पराठे, या खिचड़ी बना सकते हैं।

इन मिलेट्स को अपने भोजन में शामिल करने से पहले किसी आहार विशेषज्ञ या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें। हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी नई डाइट को फॉलो करने से पहले विशेषज्ञ का परामर्श जरूरी है।

(डिस्क्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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