ज्यादा मात्रा में बादाम का सेवन सेहत के लिए है नुकसानदेह, होगी ये गंभीर बीमारियां

दिमाग बढ़ाने के साथ-साथ शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में बादाम फायदेमंद साबित होता है। ऐसे में अगर उसको ज्यादा मात्रा में सेवन करने लगते हैं तो यह शरीर पर बुरा असर डालता है।

almonds

Almonds Side Effects: अक्सर याददाश्त को तेज करने के लिए बादाम खाने की सलाह दी जाती है। साथ ही यह कई अन्य मामलों में भी फायदेमंद साबित होता है। लेकि जब किसी चीज का हद से ज्यादा इस्तेमाल किया जाने लगता है, तो वह फायदे के बजाय नुकसानदेह साबित होती है। वहीं हाल बादाम का भी है। अगर बादाम की अधिक मात्रा का सेवन करते हैं तो यह शरीर के लिए कई समस्याएं पैदा करती हैं। अगर आप भी बादाम का ज्यादा सेवन कर रहें तो हो जाएं सावधान! नहीं तो ये समस्याएं हो सकती हैं।

एलर्जी की समस्या

बादाम का ज्यादा मात्रा में सेवन करना एलर्जी की समस्या पैदा करती है। इसको खाने से शरीर में चकत्ते पड़ना, सूजन और उल्टी आने जैसी कई समस्याएं होने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में बादाम को ज्यादा नहीं खाना चाहिए।

वजन बढ़ने की समस्या

बादाम का ज्यादा सेवन करने से वजन बढ़ने की समस्या हो जाती है। जिसके कारण और भी शारीरिक समस्याएं होने लगती है। बता दें बादाम में हाई कैलोरी होती है जोकि वजन को बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए जरूरत से ज्यादा बादाम का सेवन नहीं करना चाहिए।

पाचन की समस्या

बादाम में पर्याप्त मात्रा में फाइबर पाया जाता है। जिसके कारण ज्यादा सेवन से पाचन की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याएं हो जाती हैं।

किडनी स्टोन की समस्या

बादाम का ज्यादा मात्रा में सेवन करना किडनी स्टोन की समस्या पैदा करती है। बता दें बादाम में ऑक्सालेट नामक तत्व पाया जाता है, जोकि किडनी स्टोन को बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में इसका ज्यादा सेवन करने से बचना चाहिए।

(Disclaimer: यहां उपलब्ध सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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