करी पत्ता का पौधा सूख रहा है? बस डालें ये 1 देसी घोल, पत्तियां झूम उठेंगी

अगर आपके करी पत्ता के पौधे में पत्तियां नहीं बढ़ रही तो घबराइए मत। आज हम बताएंगे कैसे सरसों के केक का घोल डालकर और कुछ आसान तरीकों से आप अपने पौधे को फिर से हरा-भरा बना सकते हैं।

करी पत्ता हर भारतीय किचन का अहम हिस्सा है, लेकिन क्या आपने ध्यान दिया है कि कभी-कभी इसका पौधा नए पत्ते नहीं देता? ऐसा होना कई बार पौधे की जड़ों या मिट्टी की कमी की वजह से होता है। इस लेख में हम आपको एक खास घरेलू तरीका बताएंगे जिससे आपका करी पत्ता का पौधा फिर से जवां हो जाएगा और आप हमेशा ताजा पत्ते इस्तेमाल कर पाएंगे।

करी पत्ता के पौधे (Curry Leaf Plant) की बढ़वार रोकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे मिट्टी में पोषण की कमी, पानी की सही मात्रा का ना मिलना या जड़ों में संक्रमण। पौधे की जड़ों में सरसों के केक का घोल डालना एक प्रभावी उपाय माना जाता है, जो मिट्टी में पोषक तत्व बढ़ाकर पौधे को स्वस्थ बनाता है। इसके साथ-साथ नियमित रूप से सही समय पर पानी देना, धूप में सही जगह पर रखना और मिट्टी को ढीला रखना भी जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, ये उपाय आपके पौधे की नई पत्तियों को तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं।

करी पत्ता के पौधे के लिए सही मिट्टी और पानी की आवश्यकता

करी पत्ता के पौधे को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी चाहिए होती है। अगर मिट्टी ज्यादा भारी या जलभराव वाली हो तो जड़ों को नुकसान पहुंचता है और नए पत्ते निकलना बंद हो जाते हैं। इसके अलावा, पौधे को हर 2-3 दिन में हल्का पानी देना चाहिए, ज्यादा पानी देने से जड़ सड़ सकती है। साथ ही, धूप भी पौधे के लिए जरूरी है, इसलिए इसे सुबह की हल्की धूप में रखें। सही देखभाल से आपका करी पत्ता का पौधा फिर से हरा-भरा हो जाएगा।

सरसों के केक का घोल और अन्य 4 टिप्स जो आपके पौधे को देंगे नई जान

सरसों के केक को पानी में घोलकर जड़ों में डालने से पौधे को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जो इसकी बढ़वार को तेज करते हैं। इसके अलावा, आप पौधे को समय-समय पर प्राकृतिक खाद जैसे नीम का लेप और वर्मी कम्पोस्ट भी दे सकते हैं। पौधे के आसपास खरपतवार साफ रखें और कीट नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशक लगाएं। ये छोटे-छोटे उपाय आपके करी पत्ता के पौधे को स्वस्थ बनाएंगे और नए पत्ते लगातार निकलेंगे।

 

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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