Day Dreaming करना हो सकता है आपके लिए नुकसानदायक, जानें क्या कहती है रिसर्चे

Day Dreaming

Day Dreaming : हमारे आस पास ऐसे कई लोग होते हैं जो कुछ काम करते करते ख्यालों में खो जाते हैं। आपको बता दें कि ये कोई बीमारी नहीं है ये बहुत ही साधारण है और बहुत से लोगों के साथ होती है। लेकिन ये एक तरह का डिसऑर्डर भी हो सकता है। आपके मन में ये ख्याल जरूर आ रहा होगा कि जब ये साधारण है तो ये डिसऑर्डर कैसे हो सकता है?

आपको ये बात पता होनी चाहिए की कुछ लोग ख्यालों में इतने डूब जाते हैं कि उन्हें वक्त का पता ही नहीं रहता हैं, जहां वे कई घंटो तक ख्यालों में ही डूबे रहते हैं। यही कारण है कि इसे डे ड्रीमिंग डिसऑर्डर भी कहा जाता है। ये एक ऐसा विषय है जिसपर कई रिसर्चे भी की गई है जिसमें ये बात पता चली है कि डे ड्रीमिंग एक तरह का डिसऑर्डर है। तो चलिए इस डिसऑर्डर के बारे में जानते हैं –


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Ayushi Jain

मुझे यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि अपने आसपास की चीज़ों, घटनाओं और लोगों के बारे में ताज़ा जानकारी रखना मनुष्य का सहज स्वभाव है। उसमें जिज्ञासा का भाव बहुत प्रबल होता है। यही जिज्ञासा समाचार और व्यापक अर्थ में पत्रकारिता का मूल तत्त्व है। मुझे गर्व है मैं एक पत्रकार हूं। मैं पत्रकारिता में 4 वर्षों से सक्रिय हूं। मुझे डिजिटल मीडिया से लेकर प्रिंट मीडिया तक का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कंटेंट राइटिंग, कंटेंट क्यूरेशन, और कॉपी टाइपिंग में कुशल हूं। मैं वास्तविक समय की खबरों को कवर करने और उन्हें प्रस्तुत करने में उत्कृष्ट। मैं दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली से संबंधित विभिन्न विषयों पर लिखना जानती हूं। मैने माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी से बीएससी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में ग्रेजुएशन किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन एमए विज्ञापन और जनसंपर्क में किया है।