Psychological Facts : मनोविज्ञान मानव मन और उसके कार्यों, व्यवहार एवं मानसिक प्रक्रियाओं का अध्ययन करने वाला विज्ञान है। यह हमारी शारीरिक, मानसिक, और सामाजिक प्रक्रियाओं के मध्य संबंध को समझने का प्रयास करता है और मनुष्य के व्यवहार में स्थायित्व और परिवर्तन को अध्ययन करता है। लंबे समय तक मनोविज्ञान में कई रिसर्च हुई है और इनमें बेहद रोचक तथ्य निकलकर सामने आए हैं। आज हम आपके साथ ऐसे ही कुछ तथ्य साझा कर रहे हैं।
मनोवैज्ञानिक तथ्य
- मस्तिष्क-इमेजिंग अध्ययन में, वैज्ञानिकों ने पाया है कि उदासी भरा संगीत सुनने से मन की ताकत बढ़ती है। इसने लोगों को ध्यान केंद्रित करने और अपने बारे में सोचने के लिए प्रेरणा मिलती है। वहीं खुशगवार संगीत सुनने वाले लोग सिर्फ संगीत और अन्य लोगों के बारे में अधिक सोचते हैं।
- एक संज्ञानात्मक मनोविज्ञान अध्ययन में प्रतिभागियों को 3 अक्षर की स्ट्रिंग याद रखने को गया गया। वे 3 सेकंड के बाद उनमें से 80% याद कर सकते थे, लेकिन 18 सेकंड के बाद वे केवल 10% ही याद कर सके। उसके बाद से इस प्रभाव को विश्वसनीय रूप से दोहराया गया है, जिससे पता चलता है कि हमारी अल्पकालिक स्मृति आधे मिनट से भी कम समय तक चलती है।
- दिनोंदिन हमारा जीवन अधिक डिजिटल होता जा रहा है लेकिन मनोवैज्ञानिक मानते हैं कि हाथ से लिखना फायदेमंद है। वे हस्तलेखन को हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए रखने के पक्ष में तर्क देते हैं। पाया गया है कि हाथ से लिखने वाले बच्चे कीबोर्ड का उपयोग करने वालों की तुलना में अधिक सीखते हैं और बेहतर याद रखते हैं। यह इस तथ्य के कारण हो सकता है कि लिखावट अधिक इंद्रियों को सक्रिय करती है, जो मस्तिष्क के विभिन्न हिस्सों के बीच संबंध बनाने में मदद करती है।
- हमारे यहां मन के भटकाने को खराब माना जाता है, लेकिन वास्तव में मनोवैज्ञानिकों के अनुसार यह केवल बुद्धिमान और अधिक रचनात्मक होने का एक लक्षण हो सकता है। उनका मत है कि दिवास्वप्न यानी दिन में सपने देखने वाले लोग अधिक रचनात्मक होते हैं। जो ये माना जा सकता है कि जिसे हम खयाली पुलाव कहते हैं, वो असल में रचनात्मकरता की निशानी है।
- हम जो बात पहली मुलाकात में शुरुआत में कहते हैं, वहीं दूसरों को अधिक याद रहती है। इसीलिए कहा जाता है कि फर्स्ट इंप्रेशन महत्वपूर्ण होता है। आपकी पहली छाप आपके विचारों से कहीं अधिक अहम है। मनोवैज्ञानिकों ने इसे हमारे जीवन के कई हिस्सों में देखा है, खासकर दूसरों को समझाते समय। इसलिए आपको पहले बोलने से डरना नहीं चाहिए। लोग पहले तर्क को अधिक समय तक याद रखते हैं और वे हमारी राय को भी अधिक प्रभावित करते हैं।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)