Decaf Coffee : क्या होती है डिकैफ कॉफी, बिना कैफीन वाली कॉफी है आपके लिए एक बेहतर ऑप्शन

कॉफी की दुनिया बेहद रंगीन है।अगर आप भी कॉफी के दीवाने हैं लेकिन कैफीन से थोड़ा ब्रेक चाहते हैं, तो डिकैफ कॉफी आपके लिए ही बनी है। ये न सिर्फ स्वाद में कमाल है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकती है। डिकेफ कॉफी की खोज 1903 में जर्मन वैज्ञानिक Ludwig Roselius ने गलती से की थी जब पानी में भीगे कॉफी बीन्स से कैफीन बह गया था। बाद में, उन्होंने इस प्रक्रिया को पेटेंट कराया और Sanka ब्रांड के तहत डिकैफ कॉफी बाजार में लाई गई। आज दुनिया भर में बिकने वाली कॉफी का लगभग 12% हिस्सा डिकेफ होता है।

Decaf Coffee : सुबह की ताजगी, दोस्तों के साथ गपशप या देर रात की पढ़ाई… इन सबके साथी का नाम है कॉफी। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि कोई ऐसी कॉफी हो जो आपकी नींद नहीं उड़ाए, फिर भी स्वाद में कम न हो। हम बात कर रहे हैं डिकैफ कॉफी की। हालांकि कई लोग कहते हैं कि “अगर कैफीन नहीं, तो क्या कॉफी” लेकिन डिकेफ कॉफी इस सोच को चुनौती देती है। ये उन लोगों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है जो रात को नींद खराब होने से डरते हैं, लेकिन फिर भी दिन भर कॉफी की खुशबू और स्वाद के बिना नहीं रह सकते।

कॉफी का नाम सुनते ही ख्याल आता है कैफीन का। यही वो तत्व है जो हमें ताजगी और ऊर्जा देता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या हो अगर यही कैफीन कॉफी से हटा दी जाए तो। जी हां..डिकेफ कॉफी (Decaffeinated Coffee) का यही काम है। बिना कैफीन के एक प्याला कॉफी का स्वाद और आनंद देना।

क्या है डिकैफ कॉफी 

डिकेफ कॉफी जिसे “कैफीन-रहित कॉफी” भी कहा जाता है, इसमें कैफीन की मात्रा बहुत ही कम होती है। डिकैफिनेटेड कॉफी, वो कॉफी है जिसमें से 97% तक कैफीन को हटा दिया जाता है। लेकिन वो वैसा ही स्वाद देती है, जैसे आपकी फेवरेट कॉफी। हालांकि, पूरी तरह से कैफीन हटाना लगभग असंभव है लेकिन इसे इतना कम कर दिया जाता है कि एक कप डिकेफ में सिर्फ 2-5 मिलीग्राम कैफीन होता है, जो सामान्य कॉफी के मुकाबले बहुत ही कम होता है। एक सामान्य कप कॉफी में लगभग 95mg कैफीन होता है, जबकि डिकेफ में यह घटकर 2 से 5mg रह जाता है।

कैसे बनती है ये कॉफी

इसे बनाने के लिए कॉफी बीन्स को खास प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है। स्विस वॉटर प्रक्रिया..इसमें पानी और कार्बन डाइऑक्साइड की मदद से कैफीन को धीरे-धीरे निकाला जाता है, बिना कॉफी के स्वाद को नुकसान पहुंचाए। ऑर्गेनिक सॉल्वेंट्स में कॉफी बीन्स को सॉल्वेंट में डुबोकर कैफीन को अलग किया जाता है, फिर सॉल्वेंट को हटाकर बीन्स को तैयार किया जाता है। कार्बन डाइऑक्साइड विधि..इसमें हाई प्रेशर और कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करके कैफीन को हटाया जाता है, जिससे बीजों का स्वाद सुरक्षित रहता है।

कैसा होता है डिकैफ कॉफी का स्वाद 

डिकैफ कॉफी का स्वाद लगभग रेगुलर कॉफी जैसा ही होता है, खासकर अगर इसे स्विस वॉटर या कार्बन डाइऑक्साइड जैसी एडवांस टेक्नॉलॉजी से बनाया गया हो। इसमें वही भुना हुआ और कभी-कभी नटी या चॉकलेटी स्वाद होता है, जो कॉफी प्रेमियों को पसंद आता है। हालांकि, कुछ लोग कहते हैं कि डिकैफ कॉफी में हल्का सा अंतर महसूस हो सकता है जैसे कि स्वाद थोड़ा हल्का या कम तीखा हो सकता है। ये अंतर बीन्स की क्वालिटी, रोस्टिंग और डिकैफ प्रक्रिया पर निर्भर करता है।

किनके लिए है परफेक्ट

डिकैफ कॉफी उन लोगों के लिए परफेक्ट है जिन्हें कॉफी का स्वाद तो भाता है, लेकिन कैफीन के कारण होने वाली बेचैनी, नींद की कमी या दिल की धड़कन बढ़ने से बचना चाहते हैं। फिर चाहे प्रेग्नेंट महिला हों, ब्लड प्रेशर की समस्या वाले मरीज़ या बस किसी को कैफीन से ब्रेक लेना हो..डिकैफ कॉफी आपके लिए ही है। डिकेफ कॉफी आजकल विश्वभर में एक लोकप्रिय विकल्प बन चुकी है। अमेरिका, यूरोप और एशिया के कई देशों में लोग अब नियमित रूप से डिकेफ कॉफी का सेवन कर रहे हैं। यहाँ तक कि कुछ बड़ी कॉफी शॉप्स भी अपनी मेन्यू में डिकेफ कॉफी का विकल्प देती हैं। हालांकि ये बात याद रखें कि डिकैफ कॉफी में भी थोड़ा-सा कैफीन रहता है, इसलिए अगर आपको कैफीन से कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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