नींबू के पौधे में लग गए कीड़े? अब सिर्फ 1 रुपये की देसी तरकीब से मिलेगा कीड़ों से छुटकारा

अगर आपके नींबू के पौधे की पत्तियां चिपचिपी हो गई हैं या सफेद रुई जैसे कीड़े दिख रहे हैं, तो घबराइए नहीं। सिर्फ 1 रुपये की इस घरेलू तरकीब से आप अपने पौधे को फिर से हरा-भरा बना सकते हैं। माली की बताई इस जुगाड़ को अब हर कोई आजमा रहा है।

गर्मी और उमस के मौसम में नींबू के पौधों Lemon Plant) पर अक्सर छोटे-छोटे सफेद कीड़े लग जाते हैं। इन कीड़ों को आम बोलचाल में मीलीबग कहा जाता है, जो पौधे की नमी और रस को चूसकर उसे कमजोर कर देते हैं। जब ये तेजी से फैलते हैं, तो पूरा पौधा सूखने की कगार पर पहुंच सकता है।

नींबू के पौधे में सफेद-रुई जैसे कीड़े दिखें या पत्तियां चिपचिपी लगने लगें, तो समझ जाइए कि पौधा कीड़ों की चपेट में है। लेकिन चिंता की बात नहीं, क्योंकि सिर्फ 1 रुपये में मिलने वाली एक चीज़ से इस समस्या को आसानी से खत्म किया जा सकता है। ये घरेलू नुस्खा आज हर माली की पहली पसंद बन चुका है।

 काम आया ये देसी तरीका

गर्मियों और बरसात के मौसम में नींबू के पौधों पर मीलीबग या दूसरे छोटे कीड़ों का हमला आम बात है। ये कीड़े पौधे का रस चूसते हैं, जिससे उसकी पत्तियां मुरझाने लगती हैं और धीरे-धीरे पूरा पौधा कमजोर हो जाता है। अधिकतर लोग बाजार से महंगी दवाइयां लाकर छिड़काव करते हैं, लेकिन कई बार उसका भी असर नहीं होता।

नींबू के पौधे से कीड़े हटाने का आसान तरीका

  • एक लीटर पानी में एक चम्मच सस्ता शैम्पू मिलाएं।
  • इस घोल को स्प्रे बोतल में भर लें।
  • जहां भी कीड़े दिखाई दें, वहां अच्छे से छिड़काव करें।
  • हर दो-तीन दिन में यह प्रक्रिया दोहराएं।

नींबू के पौधों में कीड़े क्यों लगते हैं और कैसे बचें?

नींबू का पौधा नमी और गर्मी में तेजी से कीड़ों की चपेट में आता है। पत्तियों के नीचे ये कीड़े छिपकर रहते हैं और धीरे-धीरे फैलते हैं। अगर समय रहते इलाज न किया जाए तो पौधा सूख भी सकता है।

बचाव के लिए ध्यान दें

  • पौधे को रोजाना धूप में रखें।
  • पत्तियों को सप्ताह में एक बार पानी से धोएं।
  • गमले में पानी जमा न होने दें।
  • समय-समय पर नीम तेल का छिड़काव करें।
  • पौधे की नियमित जांच करें।
  • ये छोटे-छोटे कदम आपके पौधे को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करेंगे।

न देनी होगी ज़्यादा मेहनत, न खर्च

इस उपाय की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह न सिर्फ सस्ता है, बल्कि पौधे या पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।रासायनिक दवाइयों की तुलना में यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित है और बच्चों या पालतू जानवरों वाले घरों में भी आसानी से अपनाया जा सकता है। अगर आप भी चाहते हैं कि आपका नींबू का पौधा बिना कीड़ों के हरा-भरा बना रहे, तो यह उपाय ज़रूर आजमाएं। एक बार छिड़काव करने के बाद ही आपको फर्क नजर आने लगेगा।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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