Dink Lifestyle: नए दौर का नया ट्रेंड, क्या आप जानते हैं क्या होता है डिंक लाइफस्टाइल, युवा कर रहे खूब पसंद

Dink Lifestyle: डिंक लाइफस्टाइल एक बढ़ता हुआ चलन है जिसमें कई फायदे और नुकसान हैं। यह तय करना कि यह आपके लिए सही है या नहीं, एक व्यक्तिगत निर्णय है जो आपकी जीवनशैली और प्राथमिकताओं पर आधारित होना चाहिए।

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Dink Lifestyle: आज के बदलते दौर में, लोगों की जीवनशैली, सोच और प्राथमिकताएं बदल रही हैं। इसका असर शादी और बच्चों के प्रति नजरिए पर भी पड़ रहा है। डिंक (DINK) का मतलब है Dual Income No Kids (दोहरी आय, कोई बच्चे नहीं)। यह एक ऐसी जीवनशैली है जिसमें जोड़े शादीशुदा होते हैं, दोनों कमाते हैं और बच्चे नहीं रखते हैं। यह ट्रेंड भारत में, खासकर युवाओं के बीच, तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है।

जैसे-जैसे दुनिया बदल रही है वैसे-वैसे न सिर्फ लोगों का रहन-सहन खाना पीना बदल रहा है बल्कि लोगों का शादी और बच्चे को लेकर भी नजरिया काफी बदलता हुआ देखने को मिल रहा है। हमारे समाज में शादी और बच्चे के लिए एक उम्र फिक्स कर दी गई है। शादी को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, शादी के लगभग दो या तीन साल बाद बच्चा करना सदियों से चली आ रही एक परंपरा है। लेकिन आजकल ऐसा नहीं होता है आजकल लोग शादी और बच्चे से ज्यादा अपने करियर पर फोकस करते हैं। शादी की उम्र को भी बढ़ा दिया गया है पहले के जमाने में शादी 21, 22, या 23 की उम्र तक कर दी जाती थी, लेकिन अब शादी 28, 29 या 30 तक की जाती है।

आजकल लड़का हो चाहे लड़की सभी अपने पैरों पर खड़ा होना चाहते हैं और सभी जीवन में खूब तरक्की करना चाहते हैं। कुछ लोग फैमिली प्रेशर के चलते शादी तो कर लेते हैं लेकिन काफी समय तक फैमिली प्लानिंग का उनका कोई विचार नहीं रहता है, कपल पैसा कमाते हैं, लाइफ को इंजॉय करते हैं और जगह-जगह घूमने जाते हैं इसी ट्रेंड को डिंक कपल ट्रेंड डिंक (DINK) का मतलब है Dual Income No Kids (दोहरी आय, कोई बच्चे नहीं)कहा जाता है जो कि भारत में भी काफी प्रचलित है। अगर सिंपल भाषा में बताया जाए तो डिंक कपल ट्रेंड वह ट्रेंड होता है। जिसमें कपल शादी के काफी लंबे समय तक बच्चा पैदा नहीं करते हैं, बल्कि खूब पैसा कमाते हैं, सेविंग करते हैं और एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं घूमते फिरते हैं और इंजॉय करते हैं।

लेकिन यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डिंक कपल होना जरूरी नहीं कि स्वार्थी होना। कई डिंक जोड़े सामाजिक रूप से सक्रिय होते हैं, दान में योगदान करते हैं, और दूसरों की मदद करते हैं। डिंक लाइफस्टाइल सिर्फ एक विकल्प है, और यह हर किसी के लिए उपयुक्त नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी ज़रूरतों और इच्छाओं के आधार पर अपने लिए सही जीवनशैली चुनें।

इस चलन के पीछे कई कारण हैं

1. आर्थिक स्वतंत्रता

डिंक जोड़ों के पास दोहरी आय होती है, जिससे उन्हें अधिक आर्थिक स्वतंत्रता मिलती है। वे यात्रा, खरीदारी, मनोरंजन और अन्य गतिविधियों पर अधिक पैसा खर्च कर सकते हैं।

2. करियर पर ध्यान

बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी न होने से, डिंक जोड़े अपने करियर पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। वे उच्च पदों पर पहुंच सकते हैं और अधिक पैसा कमा सकते हैं।

3. व्यक्तिगत समय

डिंक जोड़ों के पास बच्चों की तुलना में अधिक खाली समय होता है। वे इसे अपनी रुचियों, शौक और दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने में लगा सकते हैं।

4. स्वस्थ जीवनशैली

अध्ययनों से पता चला है कि डिंक जोड़े अक्सर स्वस्थ जीवनशैली जीते हैं। वे नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, स्वस्थ भोजन खाते हैं और कम धूम्रपान करते हैं।

डिंक लाइफस्टाइल के कुछ नकारात्मक पहलू भी हैं

1. सामाजिक दबाव

भारतीय समाज में, बच्चों को अक्सर परिवार में खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। डिंक जोड़ों को अक्सर बच्चे न रखने के लिए सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ता है।

2. अकेलापन

बुढ़ापे में, डिंक जोड़े अकेलापन महसूस कर सकते हैं, खासकर अगर उनके पास कोई करीबी परिवार या दोस्त नहीं हैं।

3. वित्तीय जोखिम

यदि किसी डिंक जोड़े में से एक सदस्य कमाई करने में असमर्थ हो जाता है, तो वे वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर सकते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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