इस दिवाली अपनी रचनात्मकता को उभारें, DIY सजावट से दें घर को पर्सनल टच, किफायत के साथ इको-फ्रेंडली विकल्प

आजकल दिवाली की सजावट को सुंदर, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल बनाने का चलन बढ़ रहा है। बाज़ार से सजावट का सामान खरीदने की बजाय DIY लाइट्स, प्राकृतिक रंगोली और जैविक सजावट से न केवल त्योहार की रौनक बढ़ाई जा सकती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दिया जा सकता है। हम सरल और सृजनात्मक तरीकों को अपनाकर दिवाली को और भी खास बना सकते हैं।

DIY Diwali Decoration

DIY Diwali Decoration : दिवाली बस कुछ ही दिन दूर है। ये भारत में मनाए जाने वाले सबसे बड़े और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है और इस दौरान घरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी घर में आती है और उनके स्वागत के लिए साफ़ सफ़ाई और सजावट की जाती है। लोग तरह तरह से अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन दीये, मोमबत्ती जलाने की परंपरा है।

इस त्योहार पर घर रोशनी की जाती है। साथ ही फूलों के बंदनवार बनाए जाते हैं और रंबबिरंगी रंगोली भी बनाई जाती है। लोग कई तरह का सजावट का सामान खरीदते हैं ताकि उनका घर सुंदर लगे। लेकिन अपने घर को सजाने के लिए आप बाज़ार से सामान लाने के साथ अपनी रचनात्मकता का उपयोग भी कर सकते हैं। इस तरह आपके घर को आपका पर्सनल टच भी मिलेगा जो सबसे ख़ास होगा।

दिवाली सजावट के लिए DIY Ideas

दिवाली पर घर को सजाने का खास महत्व होता है और जब सजावट के तरीके DIY (Do It Yourself) हो तो यह न सिर्फ क्रिएटिविटी को बढ़ावा देता है, बल्कि किफायती और पर्यावरण-अनुकूल भी होता है। आज हम आपके लिए कुछ DIY दिवाली लाइट्स, रंगोली डिज़ाइन, और पर्यावरण-अनुकूल सजावट के तरीके लेकर आए हैं।

कैंडल जार लाइट्स
सामग्री: पुराने कांच के जार, मोमबत्तियाँ, कागज़ की पट्टियाँ या पेंट।
विधि: कांच के जार को रंग-बिरंगे कागज से लपेटें या पेंट से सजाएं। अंदर एक मोमबत्ती रखकर इन्हें सजावट के लिए इस्तेमाल करें।
पर्यावरण लाभ: यह तरीका बिजली की खपत को कम करता है और रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देता है।

पेपर लैंटर्न्स
सामग्री: कागज़/अख़बार, गोंद, धागा।
विधि: पुराने अखबार पेपर से लैंटर्न्स बनाएं। इन्हें रंगों से सजाएं और घर के कोनों में लटकाएं।
पर्यावरण लाभ: प्लास्टिक की बजाय पेपर का उपयोग, जो जैविक रूप से नष्ट हो सकता है।

दीये और मोमबत्तियाँ
सामग्री: मिट्टी, जैविक मोम, सूती धागा।
विधि: मिट्टी के दीये खुद बनाएं और उनमें जैविक मोम का उपयोग करें। दीये में सूती धागे की बाती डालें।
पर्यावरण लाभ: यह तरीका प्लास्टिक या केमिकल आधारित मोमबत्तियों की बजाय पूरी तरह से जैविक और पर्यावरण-अनुकूल है।

रंगोली डिज़ाइन: पारंपरिक और आधुनिक का संगम
सामग्री: प्राकृतिक रंग (हल्दी, सूखा आटा, चावल का आटा, गुलाल), फूल की पंखुड़ियाँ।
विधि: जमीन पर पारंपरिक पैटर्न बनाएं, जैसे लक्ष्मी के चरण, स्वस्तिक, या ज्यामितीय आकार। फूलों की पंखुड़ियों और प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें।
पर्यावरण लाभ: सिंथेटिक रंगों की जगह प्राकृतिक तत्वों का उपयोग किया जाता है, जिससे जल प्रदूषण कम होता है और पशु-पक्षियों को हानि नहीं पहुँचती।

पर्यावरण-अनुकूल दिवाली की सजावट
वर्तमान समय में प्रदूषण और कचरे की समस्या को देखते हुए, पर्यावरण-अनुकूल दिवाली सजावट का चलन बढ़ा है। प्लास्टिक और सिंथेटिक सजावट की जगह, प्राकृतिक और पुनः उपयोगी सामग्रियों का उपयोग करना बेहतर है।
सामग्री: ताजे फूल, पत्तियाँ, बेल आदि।
विधि: घर के अंदर और बाहर सजावट के लिए ताजे फूलों और पत्तियों का उपयोग करें। फूलों से दरवाजे और दीवारों पर तोरण बनाएं।
पर्यावरण लाभ: इस प्रकार की सजावट पूरी तरह से जैविक है और इसे खाद के रूप में पुनः उपयोग किया जा सकता है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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