घर के मंदिर को सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यहां देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए वहां साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर मंदिर में गलत या अपवित्र चीजें रखी जाएं तो वहां नकारात्मकता फैल सकती है, जिससे परिवार में मानसिक तनाव, धन हानि और स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि सही तरीके से मंदिर का रखरखाव करने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
मंदिर में भूलकर भी न रखें नुकीली चीजें और चमड़े के सामान
वास्तु शास्त्र के अनुसार, मंदिर एक बेहद पवित्र स्थान होता है, जहां नुकीली चीजों या हथियार जैसे चाकू, कैंची, तलवार वगैरह नहीं रखनी चाहिए। नुकीली चीजें नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती हैं और घर में कलह या मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं।

चमड़े से बने किसी भी सामान को भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए
इसी तरह चमड़े से बने किसी भी सामान को भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए, चाहे वो चमड़े का कवर हो या कोई अन्य वस्तु। चमड़ा मृत जानवर से बनता है, जिसे अशुद्ध माना जाता है। मंदिर में इस तरह की चीजें रखने से देवी-देवताओं की कृपा कम हो सकती है और साधक को पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता। इसीलिए मंदिर की शुद्धता बनाए रखने के लिए सिर्फ पवित्र और शुभ वस्तुओं का ही प्रयोग करना चाहिए।
मंदिर में न रखें फटे धार्मिक ग्रंथ और गंदे कपड़े
घर के मंदिर में धार्मिक पुस्तकों का विशेष महत्व होता है। लेकिन अगर कोई ग्रंथ या किताब फटी हुई या खराब हो जाए, तो उसे तुरंत सही तरीके से विसर्जित कर देना चाहिए। फटे हुए ग्रंथ मंदिर में रखना अपशकुन माना जाता है और इससे घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है।
पूजा के कपड़े या पर्दे अगर गंदे हो जाएं तो हटा दें
इसी तरह, पूजा के कपड़े या पर्दे अगर गंदे हो जाएं तो उन्हें भी मंदिर में नहीं रखना चाहिए। देवी-देवता साफ-सुथरे वातावरण में वास करते हैं। गंदगी से उनकी कृपा दूर हो सकती है। वास्तु जानकारों का मानना है कि मंदिर में सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए और नियमित रूप से वहां की धूल झाड़नी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे।
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