क्या आपको पता है दुनिया की सबसे पहली फोटो किसने खींची? जानें विश्व फोटोग्राफी दिवस से जुड़ी दिलचस्प बातें

World Photography Day 2024: आपने कभी सोचा है कि दुनिया की पहली फोटो किसने और कब खींची थी? यह एक दिलचस्प सवाल है जिसका जवाब जानना हर किसी के लिए रोमांचक हो सकता है।

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World Photography Day 2024: आज, 19 अगस्त को, दुनिया भर में फोटोग्राफी के प्रति उत्साही लोग विश्व फोटोग्राफी दिवस मना रहे हैं। यह दिन फोटोग्राफी की कला, विज्ञान और इतिहास को याद करने और उन हुनरमंदों को सम्मानित करने के लिए समर्पित है जिन्होंने इस क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। इस दिन का उद्देश्य फोटोग्राफी के बारे में चर्चा करना और उन लोगों को प्रोत्साहित करना है जो इस कला को अपनाना चाहते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया की पहली तस्वीर किसने और कैसे खींची थी? यह एक दिलचस्प सवाल है जिसका जवाब जानना हर फोटोग्राफी प्रेमी के लिए रोमांचक हो सकता है। आइए, इस दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्यों पर नज़र डालते हैं।

किसने और कैसे खींची थी पहली तस्वीर ?

फोटोग्राफी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव 1826 या 1827 का है, जब फ्रांसीसी आविष्कारक जोसेफ नाइसफोर निपस ने दुनिया की पहली स्थायी तस्वीर खींची थी। इस तस्वीर को ‘हेलीोग्राफी’ या ‘हेलियोटाइपी’ कहा जाता है, और इसे ‘व्यू फ्रॉम द विंडो एट ले ग्रास’ के नाम से भी जाना जाता है। इस तस्वीर में निप्स ने अपने घर की एक खिड़की से बाहर का दृश्य कैद किया था। यह तस्वीर एक विशेष फोटो सेंसिटिव प्लेट पर कैप्चर की गई थी, और इसे स्थिर होने में लगभग आठ घंटे का समय लगा था। निप्स के इस अविष्कार ने फोटोग्राफी के क्षेत्र में एक क्रांति ला दी और आने वाले समय में फोटोग्राफी के विकास की नींव रखी।

विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास

विश्व फोटोग्राफी दिवस हर साल 19 अगस्त को मनाया जाता है। इस दिन का इतिहास 1839 तक जाता है, जब फ्रांसीसी सरकार ने लुइस डागुएरे द्वारा विकसित डागुएरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की थी। यह घोषणा फोटोग्राफी के इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुई। डागुएरोटाइप प्रक्रिया ने पहली बार लोगों को छवियों को स्थायी रूप से कैप्चर करने और संरक्षित करने की अनुमति दी। इस आविष्कार ने फोटोग्राफी को एक कला और विज्ञान के रूप में स्थापित किया और आज हम जिस दुनिया को देखते हैं, उसे रिकॉर्ड करने और साझा करने का एक नया तरीका प्रदान किया। 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाकर हम फोटोग्राफी के इस अविष्कार को याद करते हैं और उन सभी लोगों को सम्मान देते हैं जिन्होंने इस कला को विकसित किया है।

कैसे हुई विश्व फोटोग्राफी दिवस की शुरुआत

विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में हर साल 19 अगस्त को मनाने की परंपरा 2009 में विश्व फोटोग्राफी संगठन द्वारा शुरू की गई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य फोटोग्राफी के इतिहास में एक ऐतिहासिक पल को याद करना है। जैसा कि हम जानते हैं, 19 अगस्त, 1839 को फ्रांसीसी सरकार ने डागुएरोटाइप प्रक्रिया की घोषणा की थी, जिसने फोटोग्राफी को एक स्थायी कला के रूप में स्थापित किया। विश्व फोटोग्राफी संगठन ने इसी महत्वपूर्ण दिन को याद रखने के लिए 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस घोषित किया। इस दिन को मनाकर हम फोटोग्राफी के विकास में योगदान देने वाले सभी लोगों को सम्मान देते हैं।

इस साल का विश्व फोटोग्राफी दिवस का थीम

इस साल विश्व फोटोग्राफी दिवस का थीम “एक संपूर्ण दिन” है। इस थीम के माध्यम से फोटोग्राफरों को आम दिनचर्या और आस-पास के वातावरण में छिपी हुई खूबसूरती को कैद करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यह थीम फोटोग्राफी के पारंपरिक तरीकों से हटकर नए दृष्टिकोणों को अपनाने और रोजमर्रा की जिंदगी के क्षणों को एक अनोखे तरीके से पेश करने पर जोर देती है। “एक संपूर्ण दिन” थीम के तहत फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित किया जाता है कि वे अपनी रचनात्मकता का उपयोग करके रोजमर्रा के दृश्यों को एक नई रोशनी में पेश करें और दर्शकों को सोचने के लिए मजबूर करें।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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