क्या आपके भी पौधों में बार-बार लग जाते हैं कीड़े, अपनाएं ये टिप्स, गार्डन बनेगा हरा-भरा

Gardening Tips: पौधे हमारे जीवन के लिए जरूरी होते हैं। वे हमें शुद्ध वायु और हरे वातावरण का आनंद देते हैं। लेकिन कई बार हमारे पौधे बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं, जिससे उनकी उपज और स्वस्थता प्रभावित होती है। इसलिए आज हम आपको इस लेख के द्वारा प्राकृतिक कीटनाशक के बारे में बताएंगे जो पौधों की बीमारियों को दूर करते हैं।

Bhawna Choubey
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Gardening Tips: बहुत लोगों को पेड़ पौधे लगाना बहुत पसंद होता है। पेड़ पौधे लगाने भी चाहिए क्योंकि यह हमें आक्सीजन प्रदान करते हैं। पेड़ पौधों को लगाना बहुत आसान होता है लेकिन उनकी देखभाल करना उतना ही मुश्किल होता है। बाजार में ऐसे कई प्रोडक्ट पाए जाते हैं जो पेड़ पौधे विकास का दावा करते हैं। हम सभी कभी ना कभी बाजार में मिलने वाले कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल पेड़ पौधे के विकास के लिए करते हैं। लेकिन इन प्रोडक्ट में तमाम प्रकार के केमिकल पाए जाते हैं जिस वजह से कई बार पेड़ पौधे खराब होने लगते हैं। इसलिए बाजार के केमिकल वाले प्रोडक्ट का इस्तेमाल न करते हुए क्यों ना पेड़ पौधे के विकास के लिए और उनकी सुरक्षा के लिए प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाए। इसी के चलते आज हम आपको इस आर्टिकल की मदद से बताएंगे कि आप कैसे प्राप्त प्राकृतिक कीटनाशक दवाई घर पर बना सकते हैं, इन दबाव का इस्तेमाल करने से पेड़ पौधे हमेशा स्वस्थ हरे भरे रहते हैं, तो चलिए जानते हैं कैसे बनाई जाती है प्राकृतिक कीटनाशक दवाई।

नीम का तेल

नीम का तेल एक प्राकृतिक कीटनाशक और कवकनाशी है जो पौधों को कई बीमारियों से बचाने में मदद करता है। 1 लीटर पानी में 2 चम्मच नीम का तेल और 1 चम्मच साबुन मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें।

लहसुन का पानी

लहसुन में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधों को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। 10 लहसुन की कलियों को 1 लीटर पानी में उबालें और ठंडा होने दें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें।

बेकिंग सोडा

बेकिंग सोडा एक प्राकृतिक कवकनाशी है जो फफूंदी और अन्य कवक रोगों को रोकने में मदद करता है। 1 लीटर पानी में 1 चम्मच बेकिंग सोडा और 1 चम्मच साबुन मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें।

दालचीनी

दालचीनी में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधों को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। 1 चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें।

हल्दी

हल्दी में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो पौधों को कई बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं। 1 चम्मच हल्दी पाउडर को 1 लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें। इस घोल को पौधों पर स्प्रे करें।

संतरे के छिलका

संतरे के छिलके का इस्तेमाल करने के लिए संतरे के छिलके को बारीक बारीक तोड़ लें और एक बोतल में डालें, उसमें थोड़ा सा पानी भी भर दें। कम से कम इस बोतल को दो-तीन दिन ऐसे ही रहने दें। दो दिनों के बाद उस पानी का छिड़काव पौधों पर करें।

इन बातों का भी रखें ध्यान

पौधों को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन मिट्टी को गीला न रखें।
पौधों को अच्छी तरह से हवादार जगह पर रखें।
मिट्टी में नियमित रूप से खाद डालें।
रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटा दें।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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