बच्चों से जुड़ी इन बातों पर ज़िद न करें वरना बढ़ेगी दूरी, जानें सही पैरेंटिंग टिप्स

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों के भले के लिए कुछ चीजों पर ज़िद करने लगते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि आपकी यही ज़िद बच्चे को जिद्दी बना सकती है? बच्चों की परवरिश (Parenting Tips) में संतुलन बनाना बेहद जरूरी है, नहीं तो वे आपसे दूरी बनाने लगते हैं.

Bhawna Choubey
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हर माता-पिता (Parenting Tips) की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई करें और जीवन में ख़ूब आगे बढ़ें. अपनी इस ख़्वाहिश के चलते माता-पिता बच्चों को बचपन से ही हर प्रकार की सुख सुविधा उपलब्ध करवाते हैं, अच्छी पढ़ाई के लिए उन्हें अच्छे स्कूल में डालते हैं, अच्छे अच्छे कपड़े पहनाते हैं, ख़ुद सारा प्यार लुटाते हैं, बच्चों को ख़ुश रखने के लिए हर कोशिश करते हैं.

जैसे जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे वैसे परवरिश करने का तरीक़ा भी बदलता जा रहा है, पहले के ज़माने में बच्चों के ऊपर ज़्यादा ध्यान देने की आवश्यकता नहीं होती थी, वे बिना किसी ज़्यादा देखभाल की भी बड़े हो जाते थे और समझदार भी बन जाते थे. लेकिन अब समय पूरी तरह बदल चुका है, अब बच्चों का पल पल ध्यान रखना पड़ता है. माता पिता बच्चों को पालने की अच्छी से अच्छी कोशिश करते हैं इसके बावजूद भी कुछ ना कुछ कमी रह जाती है.

जानें सही पैरेंटिंग टिप्स (Parenting Tips)

माता पिता की कुछ आदतें ऐसी भी होती है जो बच्चों के विकास में अड़चन बनती है. अक्सर परवरिश में माता पिता को ऐसा लगता है कि वे बच्चों का ध्यान रख रहे हैं, उनकी परवाह कर रहे हैं, लेकिन असल में वे बच्चों पर दबाव डाल रही है साथ ही साथ अपने फ़ैसले थोप रहे हैं, कई बार माता पिता अपने बच्चों को लेकर इस हद तक ज़िद्दी हो जाते हैं कि बच्ची को माता पिता की बात माननी ही पड़ती है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि ऐसी कौन कौन सी चीज़ें या आदते हैं, जिन्हें लेकर माता पिता को कभी भी अपने बच्चों के सामने ज़िद नहीं करनी चाहिए.

पढ़ाई को लेकर जिद

अक्सर देखा जाता है कि माता-पिता बच्चों को पढ़ाई करने के लिए हमेशा दबाव डालते हैं, पढ़ाई तो हर बच्चा अपने हिसाब से करता ही है, लेकिन माता पिता हमेशा बच्चों को सबसे ज़्यादा अच्छे नंबर लाने के लिए फ़ोन करते रहते हैं, वे हमेशा बच्चों से चाहते हैं कि वे अपनी क्लास में टॉप करें और सबसे ज़्यादा पढ़ने वाले बच्चे बन जाए. इतना ही नहीं कई बार माता पिता बच्चों को उनकी मन पसंद का सब्जेक्ट नहीं लेने देते हैं, बल्कि वे अपनी पसंद का सब्जेक्ट दिलवाते. माता पिता की इस ज़िद के कारण बच्चा अपना मनपसंद सब्जेक्ट तो छोड़ देता है, लेकिन फिर वह ज़िंदगी भर उस काम को करने के लिए मजबूर हो जाता है जो उसे कभी पसंद ही नहीं था.

शादी की जिद

इसके बाद में सबसे बड़ी ज़िद जो होती है, वो होती हैं शादी की ज़िद, माता पिता अक्सर बच्चों के ऊपर दबाव बनाते हैं कि बच्चों को माता पिता की पसंद से ही शादी करनी चाहिए. दरअसल, माता-पिता बच्चों के जीवनसाथी के तौर पर समाज और बाक़ी सभी चीज़ों को देखते हुए बच्चों को अपनी पसंद की लड़के या लड़की से शादी करने के लिए मजबूर करते हैं. कभी भी माता पिता को यह गलती नहीं करनी चाहिए क्योंकि माता-पिता के दबाव के चलते बच्ची किसी से भी शादी तो कर लेते हैं लेकिन वे ख़ुश नहीं रह पाते हैं, इसलिए अपने बच्चों को उनका पार्टनर चुनने का अधिकार ज़रूर देना चाहिए.

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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