क्या होती है डीपी डाइट, जिससे वजन घटना हुआ और भी आसान

DP डाइट में शुगर, प्रोसेस्ड फूड, तली-भुनी चीजें और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद चावल और मैदा से बनी चीजें कम की जाती हैं।

Gaurav Sharma
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  1. वजन कम करने में मदद
  2. शुगर नियंत्रित करने में मदद
  3. डाइजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखना
  4. दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
  5. ऊर्जा का स्तर बनाए रखना

DP Diet एक खास प्रकार का डाइट प्लान है जो शरीर को हेल्दी बनाए रखने और अलग अलग स्वास्थ्य समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई है। ये डाइट विशेष रूप से पोषक तत्वों से भरपूर और इजी होती है। जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, और हेल्दी फैट्स का संतुलन होता है। डीपी डाइट का उद्देश्य शरीर को आवश्यक पोषक तत्व देना और साथ ही वजन घटाने और अन्य स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना है।

डीपी डाइट में आप क्या खा सकते हैं?

डीपी डाइट में आपको अलग अलग प्रकार के फूड प्रोडक्ट खाने की परमिशन होती है. लेकिन कुछ खास नियम होते हैं जो डाइट को प्रभावी बनाते हैं।

1. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ – जैसे चिकन, मछली, अंडे, दालें और पनीर

2. फल और सब्जियां – ताजे फल और हरी सब्जियां जो फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होती हैं

3. स्वस्थ वसा – एवोकाडो, नारियल तेल, जैतून का तेल, और नट्स (बादाम, अखरोट)

4. पूर्ण अनाज – जैसे ब्राउन राइस, ओट्स, क्विनोआ

5. दूध और दुग्ध उत्पाद – बिना शक्कर के दूध और दही

इस डाइट में शुगर, प्रोसेस्ड फूड, तली-भुनी चीजें और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे सफेद चावल और मैदा से बनी चीजें कम की जाती हैं।

डीपी डाइट के लाभ

1. वजन कम करने में मदद – डीपी डाइट हाई प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होती है. जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ रखते हैं, जिससे अनावश्यक स्नैकिंग से बचा जाता है और वजन घटाने में मदद मिलती है।

2. शुगर नियंत्रित करने में मदद – ये डाइट मधुमेह के मरीजों के लिए फायदेमंद होती है क्योंकि ये रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करती है।

3. डाइजेस्टिव सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखना – इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो पाचन तंत्र को सही बनाए रखने में मदद करती है और कब्ज की समस्या को कम करती है।

4. दिल की सेहत के लिए फायदेमंद – हेल्दी फैट और प्रोटीन से भरपूर होने के कारण, डीपी डाइट दिल की सेहत को बेहतर बनाती है और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करती है।

5. ऊर्जा का स्तर बनाए रखना – ये डाइट शरीर को लगातार ऊर्जा प्रदान करती है, जिससे आपको दिनभर थकान नहीं महसूस होती है और मानसिक स्पष्टता भी बनी रहती है।

किसे डीपी डाइट का पालन नहीं करना चाहिए?

1. गर्भवती महिलाएं – गर्भावस्था में शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। ऐसे में डीपी डाइट को एक विशेषज्ञ के निर्देशों के बिना फॉलो नहीं करना चाहिए।

2. किडनी रोगी – जिन व्यक्तियों को किडनी से संबंधित समस्याएं हैं, उन्हें प्रोटीन की अधिकता से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को डीपी डाइट से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

3. हृदय रोगी (विशेष रूप से उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले) – डीपी डाइट में वसा की मात्रा होती है, हालांकि ये स्वस्थ वसा होती है, फिर भी उच्च कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को इसे अपने चिकित्सक की सलाह से ही अपनाना चाहिए।

किस रोग में डीपी डाइट फायदेमंद है?

1. मधुमेह (Diabetes) – डीपी डाइट रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है और इंसुलिन की संवेदनशीलता को बढ़ाती है।

2. वजन घटाने के लिए – मोटापे से पीड़ित लोगों के लिए ये डाइट फायदेमंद है क्योंकि ये शरीर को लंबे समय तक संतुष्ट रखती है, जिससे ज्यादा खाना खाने की संभावना कम होती है।

3. हृदय रोग – इसके संतुलित आहार से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है, जिससे दिल से संबंधित रोगों का जोखिम कम होता है।

4. पाचन संबंधी समस्याएं – फाइबर से भरपूर होने के कारण ये आंतों को स्वस्थ रखती है और कब्ज की समस्या को दूर करती है।

डिस्क्लेमर: (यहां दी गई जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है। निवेश करने से पहले हमेशा विशेषज्ञों की सलाह लें। हम एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ पर दी गई इस जानकारी की पुष्टि नहीं करते है)


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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