Thu, Dec 25, 2025

विकास दिव्यकीर्ति इस शख्स को मानते हैं अपना आइडियल, बनना चाहते हैं उन्ही की तरह

Written by:Bhawna Choubey
Published:
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति आज लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि वो खुद किस शख्सियत से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं? जानिए उन्होंने किनकी तरह बनने की इच्छा जाहिर की और इसके पीछे की वजह क्या है।
विकास दिव्यकीर्ति इस शख्स को मानते हैं अपना आइडियल, बनना चाहते हैं उन्ही की तरह

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti) सिर्फ एक शिक्षक नहीं, बल्कि एक सोच हैं। उनकी क्लासरूम से बाहर निकलने वाली बातें आज यूट्यूब और सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगों तक पहुंच चुकी हैं। UPSC की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स ही नहीं, आम लोग भी उनके विचारों से प्रभावित होते हैं।

हाल ही में एक इंटरव्यू में जब उनसे पूछा गया कि वह किसकी तरह बनना चाहते हैं, तो उन्होंने बिना किसी झिझक के एक महान व्यक्ति का नाम लिया। लेकिन सिर्फ नाम ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि क्यों वो उस इंसान को अपना आदर्श मानते हैं। चलिए जानते हैं कि वो कौन हैं और क्यों हैं।

महात्मा गांधी हैं डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के आदर्श

डॉ. दिव्यकीर्ति ने साफ शब्दों में कहा कि वो महात्मा गांधी जैसे बनना चाहते हैं। उनके मुताबिक, गांधीजी सिर्फ एक स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे, बल्कि वो एक विचारधारा थे।

गांधीजी की सोच, सादगी, और सच्चाई को डॉ. विकास अपने जीवन में उतारना चाहते हैं।

उनका मानना है कि गांधीजी की तरह जीवन जीना आसान नहीं है, लेकिन वही सच्चा मार्ग है।

उन्होंने कहा कि गांधीजी के सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने आज़ादी के समय थे।

गांधीजी की तीन बातों से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं डॉ. विकास

1. सत्य का मार्ग

डॉ. विकास का मानना है कि जीवन में चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं, सच्चाई से बड़ा कोई हथियार नहीं होता। उन्होंने हमेशा सत्य के रास्ते पर चलने की प्रेरणा महात्मा गांधी से ली है। उनका मानना है कि ईमानदारी और सच्चाई ही अंत में जीत की कुंजी होती है।

2. सादगी से गहरी प्रेरणा

महात्मा गांधी की सादगी और जीवनशैली डॉ. विकास के दिल को छू जाती है। उनका रहन-सहन, सोचने का तरीका और आत्म-अनुशासन उन्हें अंदर से झकझोर देता है। डॉ. विकास मानते हैं कि जीवन में दिखावा नहीं, बल्कि सादगी और सच्चे मूल्य ही इंसान को महान बनाते हैं।

3. जनसेवा की भावना

गांधीजी का पूरा जीवन समाज और देश की सेवा के लिए समर्पित था, और यही बात डॉ. विकास को गहराई से प्रभावित करती है। वे मानते हैं कि शिक्षक का काम सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि समाज को बेहतर दिशा देना भी है। जनसेवा की ये भावना उनकी शिक्षण शैली में झलकती है।

विद्यार्थियों को गांधीजी से जोड़ने की कोशिश करते हैं डॉ. विकास

  • डॉ. विकास न सिर्फ खुद गांधीजी से प्रेरणा लेते हैं, बल्कि अपने छात्रों को भी उनके सिद्धांतों से जोड़ने की कोशिश करते हैं।
  • वे अक्सर अपनी क्लास में गांधीजी के विचारों को उदाहरण के तौर पर पेश करते हैं।
  • उनका मानना है कि सिविल सर्विस की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए गांधीजी की सोच सबसे ज्यादा जरूरी है।
  • वो यह भी बताते हैं कि केवल नॉलेज नहीं, चरित्र भी उतना ही जरूरी है और यह गांधीजी से बेहतर कोई नहीं सिखा सकता।