सपने हमें एक ऐसी रहस्यमयी दुनिया में ले जाते हैं, जहां कभी रोमांच होता तो कभी खुशी, भय, प्रेम, असुरक्षा, उदासी, उत्साह और ऐसे ही भावों का मिला जुला सम्मिश्रण। इसीलिए कहा जाता है कि ये हमारे मन की गहन अवस्था को दर्शाते हैं। हमारे चैतन्य और अवचेतन मन की भावनाओं का प्रतिबिंब होते हैं। लेकिन कई बार ऐसे सपने भी आते हैं जिनका प्रत्यक्ष रूप से हमारे जीवन से कोई संबंध नहीं होता। इसीलिए ये मान्यता भी है कि सपने भविष्य का संकेत होते है। हालांकि इस बात को विज्ञान प्रमाणित नहीं करता है लेकिन अलग अलग स्थानों पर वहां की सामाजिक मान्यताओं और धार्मिक विश्वास के आधार पर सपनों की व्याख्या की गई है।
अलग अलग समय में देखे गए सपनों का क्या है अर्थ
हमारे यहां ज्योतिष शास्त्र अंतर्गत स्वप्नशास्त्र में सपनों को अलग अलग तरीके से परिभाषित किया गया है। कौन सी वस्तु या स्थिति देखने पर क्या संकेत होते हैं, ये बताया गया है। लेकिन इस बात के साथ ये भी महत्वपूर्ण है कि सपना किस समय देखा गया है। सपना कब आया..अगर उस समय का पता चल जाए तो उससे कुछ और विशेषताएं जुड़ सकती हैं। हालांकि यह कोई निर्धारित नियम नहीं है कि किसी विशेष समय में देखे गए सपनों का आमतौर पर एक सा ही अर्थ निकलेगा, लेकिन स्वप्नशास्त्र में कुछ आवश्यक बातें बताई गई हैं। आज हम जानेंगे कि विशेष समय में देखे गए सपनों का क्या महत्व होता हैं या उनकी प्रासंगिकता में कितनी वृद्धि होती है। यहां अलग अलग समय के आधार पर सपने देखने और उनकी सच होने की संभावनाओं का उल्लेख किया गया है।
समयानुसार सपने देखने की व्याख्या
- स्वप्नशास्त्र के अनुसार रात 10 बजे से लेकर 12 बजे तक देखे गए सपने का कोई विशेष अर्थ नहीं होता है। सामान्यतया इन्हें दिनभर हुई घटनाओं और हमारी मानसिक अवस्था का प्रतिबिंब माना जाता है।
- रात 12 बजे से अर्धरात्रि 3 बजे के बीच देखे गए सपने सत्य के काफी करीब होते हैं। माना जाता है कि ऐसे सपने साल भर के भीतर सच हो जाते हैं। ये शुभ या अशुभ दोनों तरीके से सच हो सकते हैं और ये बात सभी अलग अलग समय पर देखे गए सपनों पर लागू होती है।
- वहीं सुबह 3 से 4 बजे के बीच दिखाई देने वाले सपने के बारे में कहा जाता है कि उनमें से अधिकांश सपने सच हो जाते हैं। इन्हें फलीभूत होने में 1 से 6 महीने लगते हैं।
- ब्रह्ममुहूर्त यानी 4 बजे से 5 बजे के बीच देखे गए सपने अक्सर सच होते हैं। स्वप्नशास्त्र के मुताबिक इस समय को अमृत बेला, चंद्र बेला और ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है। कहा जाता है कि इस समय दैवीय शक्तियों सबसे अधिक प्रभाव होता है जिसका असर पृथ्वी की हर जीवित और निर्जीव वस्तु पर पड़ता है। ऐसे सपने आने वाले तीन महीने में फलित हो जाते हैं।
- रात के चौथे प्रहर यानी 5 से 6 बजे के बीच देखे गए सपने भी सच होते हैं। मान्यतानुसार इनका फल 1 महीने में मिल जाता है।
- अगर आप दोपहर में सोए है और इस समय कोई सपना आए तो माना जाता है कि उसका कोई अर्थ नहीं है, क्योंकि वो सच नहीं होगा।
- ये भी मान्यता है कि अगर रात में एक से अधिक सपने आए तो आखिर में देखा गया सपना ही सच होता है।
(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)