नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट । हर मनुष्य के जीवन में ग्रहों का काफी महत्व होता है । ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के कारण एक व्यक्ति के जीवन में खुशी और दुख भी होते हैं । यदि किसी व्यक्ति के जन्म कुंडली में ग्रहों की दशा अच्छी होती है तो उसका जीवन सुख सुविधाओं से भरा होता है, लेकिन वही यदि व्यक्ति की जन्म कुंडली में ग्रह की दशा अशुभ हो तो व्यक्ति के जीवन में बहुत सारे दुष्प्रभाव दिखते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु अशुभ हो, तो उसके जीवन में कई कठिनाइयां आती हैं। हिंदू मान्यताओं के अनुसार राहु को दैत्य माना जाता है , और राहु के कुंडली में होने से मनुष्य के जीवन में कई दुष्प्रभाव भी दिखाई देते हैं। यदि राहु की स्थिति किसी जातक की कुंडली में सही नहीं होती , तो उसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कालसर्प का योग भी राहु और केतु के कारण ही बनता है , इस दौरान राहु केतु सभी ग्रहों को घेर लेते हैं और कालसर्प का योग बनाते हैं।
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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु की दशा अपनी कुंडली में सही भी की जा सकती है । और इसके लिए अनेक उपाय भी बताए गए हैं। गोमेद रत्न को धारण करने से राहु की दशा सुधारी जा सकती है । इस रत्न को शनिवार के दिन धारण करने की सलाह दी जाती है। “ॐ अर्धकार्य महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनमः। सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् ॐ रां राहवे नमः । “मंत्र का जाप भी लाभकारी होता है । दान करने और पानी में गंगाजल , लाल चंदन, हाथी के दांत, बेलपत्र , कस्तूरी आदि मिलाकर स्नान करने से भी राहु की दशा शुभ की जा सकती है । इस साथ ही साथ वृक्षारोपण से भी राहु दोष मुक्त हुआ जा सकता है।