सर्दियों में जमकर खाएं संतरे, बालों में आएगी चमक, स्कीन पर दिखेगा ग्लो

Pooja Khodani
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सतंरा

हेल्थ, डेस्क रिपोर्ट। सर्दियों में आने वाले सबसे रसीले फलों की बात करेंगे तो शायद सबसे पहला नाम आप भी संतरे का ही लें। ये फल खाने में जितना मजेदार है इससे होने वाले फायदे भी उतने ही ज्यादा हैं। बस यूं समझ लीजिए कि संतरे में जितनी फांक, सेहत को उतने फायदे। कुछ लोग इस बात से भी डरते हैं कि संतरा (Orange) खाया तो सर्दी जुकाम पकड़ लेगा। लेकिन सही तरह और सही समय पर सेवन करेंगे तो ये नुकसान भी नहीं होंगे।

संतरा खाने का सही समय
संतरे को सुबह सुबह या रात में नहीं खाना चाहिए दोपहर में जब सूरज की तपिश कुछ बढ़ जाए तब संतरा खाना चाहिए साथ ही खाना और संतरा खाने के समय में भी गैप रखें, खाने के साथ संतरा बिलकुल न खाएं। इनके बीच में कम से कम एक घंटे का अंतर जरूर रखें। खाने से एक घंटा पहले संतरा खाएंगे तो भूख खुलेगी और खाने के एक घंटे बाद खाएंगे तो डाइजेशन में फायदा होगा।

संतरे के है अनेक फायदे

फाइबर्स से भरपूर- संतरे में जितना रस होता है फाइबर्स भी उतने ही ज्यादा होते हैं। ज्यूसी होने के बावजूद इसमें ज्यादा कैलोरीज नहीं होतीं। साथ ही इसके फाइबर्स शरीर को डिटॉक्स करते हैं और, कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में भी फायदेमंद होते हैं।

विटामिन सी की खान- संतरे में विटामिन सी भी भरपूर होता है। विटामिन सी आंखें, बाल और स्किन के लिए अच्छा होता है साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।

एंटीऑक्सीडेंट्स- संतरे में एंटीऑक्सीडेंट्स भी काफी मात्रा में पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ खून भी साफ करते हैं और स्टेमिना भी बढ़ाते हैं।

बी कॉम्प्लेक्स का सोर्स- बी कॉम्प्लेक्स भी इस रसीले फल में भरपूर होता है, जिससे खून भी बढ़ता है। बी कॉम्प्लेक्स हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में ये मददगार होता है।

विटामिन ए का फायदा- संतरा विटामिन एक का भी अच्छा सोर्स है। ये विटामिन आंखों के लिए अच्छा होता है। इस विटामिन की एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज शरीर के इलेक्ट्रोलाइट के बैलेंस को बना रखती है।

छिलका भी है फायदेमंद- संतरे की सिर्फ फांक या इसके जूस में ही पूरा पोषण हो ऐसा नहीं है इस फल का छिलका भी उतना ही फायदेमंद है। संतरे के छिलके को सुखा कर, पीस कर कई तरह से उपयोग किया जा सकता है। इसे फेसपैक की तरह लगाएं या भिगो कर बाल धोएं, संतरा दोनों ही तरह से फायदा पहुंचाता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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