नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। दुनियाभर में प्लास्टिक के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर चिंता जताई जा रही है। एक जुलाई 2022 से भारत में सिंगल यूज़ प्लास्टिक बैन हो चुका है। प्लास्टिक बैग्स, बॉटल और इसी तरह अन्य वस्तुएं पर्यावरण के लिए बेहद घातक हैं। इसमें उपयोग किए जाने वाले रसायर मनुष्य, जानवर और प्रकृति सभी के लिए नुकसानदेह हैं।
सिंगल यूज़ प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपके पास कई इको फ्रेंडली विकल्प हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है। सबसे पहला और आसान तरीका है कॉटन से बने बैग्स। पहले जब प्लास्टिक इतना चलन में नहीं था, हम सब घरों में सिली हुई सूती थैलियों का ही उपयोग करते थे। घर से निकलने से पहले हम अपने साथ थैली लेकर चलते थे। उसी प्रैक्टिस को फिर से अपनाए जाने की जरूरत है। अगर ये थैलियां घर में सिली हो तो बेहतर, अन्यथा अब बाज़ार में भी कई तरह के कॉटन बैग्स के विकल्प मौजूद है। कुछ लोग तो डेडिकेटेड रूप से कॉटन बैग्स ही बना रहे हैं। बाजार जाकर या ऑनलाइन भी आप कॉटन बैग्स खरीद सकते हैं। कॉटन के अलावा अन्य नेचुलर फाइबर से तैयार थैलियों का उपयोग भी किया जा सकता है जिनमें जूट, ऊन, बांस और इसी तरह की वस्तुएं शामिल है। इस तरह बैग्स भी आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं। कागज़ के बैग्स भी एक बेहतरीन विकल्प है।
इसी तरह प्लास्टिक के बर्तनों की बजाय अपने किचन में लकड़ी, मिट्टी या बांस के बर्तनों का इस्तेमाल करें। वैसे भी प्लास्टिक के बर्तन में खाने पीने का सामान रखने से वो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। खासकर माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकता है। प्लास्टिक की बॉटर की जगह कांच या स्टील की बॉटल का इस्तेमाल करें। इसी तरह जितना संभव हो, अपने जीवन से प्लास्टिक को घटाएं और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपने हिस्से का योगदान करें।
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