Aadhaar Card: घर बैठे बुजुर्ग और दिव्यांग जन करा सकेंगे आधार अपडेट, करना होगा बस यह काम

दिव्यांग जन, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से असहाय लोगों के लिए यनिक आइडेंटीफिकेशन ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई ने घर बैठे आधार अपडेट कराने की सुविधा शुरू की है।

Shashank Baranwal
Published on -

Aadhaar Card Update: आज के समय में आधार कार्ड लोगों के लिए बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट्स है। इसके बिना लोगों को कई तरह की सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का फायदा नहीं मिल सकता है। ऐसे में उन लोगों को आधार कार्ड अपडेट कराने में बहुत परेशानी होती है, जोकि बीमार होने के कारण आधार सेवा केंद्र तक नहीं पहुंच पाते है। इसमें दिव्यांग जन, बुजुर्ग और अन्य प्रकार के शारीरिक अस्वस्थता के शिकार लोग शामिल हैं। हालांकि, इन्हीं लोगों के लिए UIDAI ने घर बैठे आधार अपडेट कराने की सुविधा शुरू की है, जिससे असहाय लोग घर बैठे आधार कार्ड अपडेट करा सकें।

करना होगा यह काम

दिव्यांग जन, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से असहाय लोगों के लिए यनिक आइडेंटीफिकेशन ऑफ इंडिया यानी यूआईडीएआई ने घर बैठे आधार अपडेट कराने की सुविधा शुरू की है। इसके लिए ऐसे लोगों को नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर ऑनलाइन रिक्वेस्ट करना पड़ेगा। इसके साथ ही मेडिकल सर्टिफिकेट, उम्र का प्रमाण पत्र या विकलांगता प्रमाण पत्र दस्तावेज को आवेदन करते समय देना पड़ेगा।

चुकाना होगा इतना शुल्क

आवेदन करने के बाद आधार सेवा केंद्र का कर्मचारी आपके बताए गए पते पर पहुँचकर आधार कार्ड से जुड़े नाम, पता, लिंग, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, फोटो, आइरिश व फिंगर प्रिंट अपडेट कर देगा। वहीं, इस सुविधा के लिए आपको अतिरिक्त शुल्क चुकाने पड़ेंगे, जिसमें होम इनरोलमेंट एवं अपडेट सर्विस के नाम पर 700 रूपए शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा। साथ ही डेमोग्राफिक अपडेट के लिए 50 रूपए और बायोमेट्रिक अपडेट कराने के लिए 100 रूपए अतिरिक्त भुगतान करने पड़ेगें।


About Author
Shashank Baranwal

Shashank Baranwal

पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

Other Latest News