Unique Teas from Around the World : सर्दियों की ठंडी हवाएं, कुहासे से ढकी सुबहें और ठिठुरती हुई शाम..इन पलों में अगर कुछ सबसे ज़्यादा सुकून देता है तो वह है चाय का एक गरम प्याला। सर्दियों में चाय का मजा ही कुछ और होता है। चाहे दफ्तर हो या घर..काम का समय हो या आराम का..दोस्तों के बीच हों या अपने परिवार के साथ बैठे हो, चाय हर पल का आनंद दुगना कर देती है।
आज हमारे पास चाय के सैंकड़ों विकल्प मौजूद हैं। पारंपरिक दूध चीनी वाली चाय, ठेठ देसी अंदाज़ में बनी हुई गुड़ की चाय, हर्बल टी, ग्रीन टी, लेमन टी, ब्लैक टी जैसे कई रूप मौजूद हैं और आप अपनी पसंद और मौके के अनुसार इसे चुन सकते हैं। हर प्रकार की चाय का अपना विशेष स्वाद और सेहत पर प्रभाव होता है।
सर्दियों में चाय का प्याला : सुख और सुकून के पल
दुनिया भर में चाय विभिन्न तरीकों से बनाई जाता है। चाय को लेकर हर संस्कृति और क्षेत्र की अपनी अनोखी परंपरा है। भारत से लेकर चीन, जापान, इंग्लैंड, और मध्य एशिया तक चाय के स्वाद और बनाने के तरीके में अंतर पाया जाता है। भारत में चाय को कई तरह से तैयार किया जाता है। सबसे प्रसिद्ध “मसाला चाय” है जिसमें दूध, चीनी और मसाले जैसे अदरक, इलायची, लौंग आदि का उपयोग किया जाता है। आज हम आपको दुनियाभर में बनाई जाने वाली कुछ अनूठी चाय के बारे में बताने जा रहे हैं।
दुनियाभर में बनने वाली अनोखी चाय
1. बटर टी (तिब्बत) : यहां याक के मक्खन, नमक और ब्लैक टी को मिलाकर चाय बनाई जाती है। तिब्बत में मक्खन वाली चाय को ‘पो चा’ (Po cha) कहे हैं। इनमें सारी सामग्री को तब तक फेंटा जाता है जब तक यह क्रीमी और गाढ़ी न हो जाए। इस चाय को बनाने के लिए पारंपरिक रूप से लकड़ी की मथनी का इस्तेमाल किया जाता है। ये बटर टी तिब्बत के ठंडे मौसम में शरीर को गर्म रखने में मदद करती है।
2. माचा ग्रीन टी (जापान) : ये जापान की मशहूर पारंपरिक हरी चाय है। इसे बनाने के लिए कैमेलिया साइनेंसिस नाम के पौधे की पत्तियों को छाया में उगाया जाता है और फिर उन्हें बारीक पाउडर में पीस लिया जाता है। इसे बांस के चम्मच से फेंटकर तैयार किया जाता है। ये चाय न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होती है।
4. तुर्की चाय (तुर्की) : ये चाय विशेष रूप से डबल-बॉयलर के रूप में बनाई जाती है, जिसे “चायदान” कहा जाता है। Turkish Tea का स्वाद बहुत स्ट्रॉंग होता है और इसे बिना दूध के पिया जाता है, लेकिन इसमें चीनी डाली जाती है। तुर्की में चाय बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले डबल बॉयलर को ‘चायदानलिक’ कहते हैं जो डबल लेटर्ड केतली होती है. इसमें नीचे का बड़ा हिस्सा पानी उबालने के लिए होता है और ऊपर का छोटा हिस्सा चाय रखने के लिए होता है।
5. पर्ल टी/बबल टी (ताइवान) : इस चाय में ग्रीन या ब्लैक टी के साथ टैपिओका पर्ल्स और फ्लेवर सिरप मिलाए जाते हैं। यह आमतौर पर ठंडी परोसी जाती है। इसका च्युइंग टैपिओका बॉल्स वाला अनुभव इसे खास बनाता है। एक कहानी के मुताबिक, एक चाय निर्माता ने गलती से अपनी चाय में टैपिओका पर्ल मिला दिए और उन्हें यह ड्रिंक बहुत पसंद आई। इसके बाद उन्होंने इसे अपने ग्राहकों को बेचना शुरू कर दिया। दूसरी कहानी के मुताबिक, इसे एक्सपेरिमेंट के तौर पर बनाया गया था. ताइवान की एक महिला ने एक स्टाफ़ मीटिंग में बोर होकर इसे बनाया था और यह लोकप्रिय ड्रिंक बन गई।
6. तुर्की चाय (Turkish Tea) : तुर्की में चाय विशेष रूप से डबल-बॉयलर के रूप में बनाई जाती है, जिसे “चायदान” कहा जाता है। चाय का स्वाद बहुत मजबूत और गाढ़ा होता है, और इसे बिना दूध के पिया जाता है, लेकिन चीनी डाली जाती है। चाय पारंपरिक रूप से छोटे, घंटे के आकार के कपों में पी जाती है।
7. स्मोक्ड टी (चीन) : इस स्मोक्ड टी को चीन में लैपसांग सूचॉन्ग (Lapsang Souchong) कहते हैं। इसे चीनी में ‘स्मोक्ड टी’ और झेंग शान ज़ियाओ झोंग भी कहा जाता है। ये वहां के फ़ुज़ियान प्रांत के वुई पर्वतों से आती है और दुनिया की सबसे पुरानी ब्लैक टी में से एक मानी जाती है। इस चाय को लकड़ी के धुएं में सुखाकर तैयार किया जाता है। इसका स्मोकी और अनोखा स्वाद इसे चाय प्रेमियों के बीच लोकप्रिय बनाता है।
8. तेह-तारिक (मलेशिया) : यहां लोकप्रिय “Teh Tarik” चाय एक चाय के मिश्रण के साथ दूध को जोर से झारने की प्रक्रिया है। चाय को एक जग से दूसरे जग में कम से कम एक मीटर की दूरी से डाला जाता है जिससे यह एक झागदार और क्रीमी बनावट वाली चाय बनती है। यह एक आकर्षक दिखने वाली स्वादिष्ट चाय होती है। तेह तारिक को मलेशिया का ‘अनौपचारिक राष्ट्रीय पेय’ माना जाता है।