Feng Shui : फेग शुई के इन नियमों के पालन से जीवन में आएगी सुख-समृद्धि

Feng Shui : फेंग शुई एक प्राचीन चीनी वास्तुशास्त्र है जो विभिन्न तत्वों के संतुलन के माध्यम से घर या दफ्तर में सकारात्मक ऊर्जा लाने की पद्धति है। इसका भारत में भी काफी प्रचलन है। हमारे यहां अक्सर ही घरों में विंड चाइम, लाफिंग बुद्धा, कछुआ,  तीन सिक्के, क्रिस्टल-ट्री, तीन टांगों वाला मेंढक, मछलीघर, बांस का पौधा और ऐसी तमाम वस्तुए देखने को मिल जाती हैं। मान्यतानुसार फेंग शुई के माध्यम से आप अपने आसपास के पर्यावरण को इस तरीके से बदल सकते हैं कि आपके घर या कार्यालय में सुख, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे। आज हम आपको फेंग शुई के कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनका पालन कर आप भी अपने घर में पॉजिटिव एनर्जी ला सकते हैं।

एकदम दरवाज़े के सामने खड़े न रहें : अपने घर के मुख्य द्वार के सामने खड़ा रहना आपकी संपत्ति की ऊर्जा को बाहर निकाल सकता है। इसलिए, अगर आपका दरवाजा उच्च स्तर पर है, तो आपको उच्च स्तर पर खड़ा न होकर किसी चौकस पर या घर में अंदर खड़ा होना चाहिए।

सुंदर और रंगीन वस्त्र पहनें : फेंग शुई में रंग और वस्त्रों का बेहद महत्व होता है। सुंदर, उज्ज्वल और प्रकृतिशी वस्त्र पहनने से आपके घर की ऊर्जा को सकारात्मकता मिलती है और आपके आसपास सुख और आनंद का वातावरण बनता है।

सुव्यवस्थित रखें : अपने घर को साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखें। अव्यवस्था और अधिक वस्तुओं की उपस्थिति घर की ऊर्जा को बाधित कर सकती है। इसलिए, अपने आसपास उन्हीं वस्तुओं को रखें जो महत्वपूर्ण हों।

प्राकृतिक पौधे लगाएं : पौधों का फेंग शुई में बेहद  महत्व हैं क्योंकि वे प्राकृतिक ऊर्जा को बढ़ाने में मदद करते हैं। आप अपने घर में पौधे लगाकर उज्ज्वल, स्वस्थ और शुद्ध वातावरण बना सकते हैं।

अच्छे प्रकाश स्रोत का उपयोग करें : घर में अच्छे प्रकाश स्रोत का होना सही ऊर्जा को बढ़ाता है। उज्ज्वल प्रकाश आपके घर में सकारात्मकता का वातावरण बनाता है और मनःस्थिति को सुधारता है। ज्यादा प्राकृतिक प्रकाश प्राप्त करने के लिए बड़ी खिड़कियों, फ्रेंच विंडो या सोलर लाइट्स का उपयोग कर सकते हैं।

यंत्रों का संतुलन बनाए रखें : फेंग शुई में यंत्रों का महत्वपूर्ण स्थान होता है। आपको अपने घर के उपयोग में आने वाली मशीनों को रखने में संतुलन बनाना होगा। इसी के साथ यदि आप इस वास्तुशास्त्र के बारे में अधिक जानना चाहते हों तो किसी प्रशिक्षित फेंग शुई विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं।

डिसक्लेमर : ये लेख सामान्य जानकारियों पर आधारित हैं। हम इसे लेकर कोई दावा नहीं करते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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