हम सभी बचपन से ही कार्टून देखकर बड़े हुए हैं। जिनमें से कुछ कार्टूंस ऐसे हैं, जो आज भी देखा जाए तो इससे मन खुश हो जाता है। कभी इनकी मस्ती पर आपको हंसी छूटी होगी, तो कभी उनके अंदाज़ से आपको बहुत कुछ सीखने को मिला होगा। अब कार्टून केवल टीवी या अख़बार तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इंस्टाग्राम, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफार्म पर भी कार्टून अब मीम्स और एनीमेटेड वीडियो के रूप में देखने को मिल जाता है।
आजकल लोग समाज की हर छोटी-बड़ी बात पर मीम बनाते हैं। इनमें से कुछ ऐसे होते हैं, जो हंसने पर मजबूर कर देते हैं, तो कुछ उन बातों को गहराइयों से सोचने को विवश करते हैं।
दुनिया का पहला कार्टून
बचपन में टीवी पर मिकी माउस, छोटा भीम, टॉम एंड जैरी, डोरेमोन, लिटिल कृष्णा सहित अन्य बहुत सारे एपिक कार्टून टेलीकास्ट हुआ करते थे। इनमें से कुछ आज भी प्रसारित होते हैं। लेकिन आज हम आपको दुनिया के पहले एनीमेटेड कार्टून के बारे में बताएंगे, जो 1 मिनट 20 सेकंड की थी।
फैटसमगौरी
दरअसल, दुनिया की पहली एनिमेटेड कार्टून फिल्म पेरिस में रिलीज़ हुई थी। साल 1908 में एमिल कोहल ने ‘फैटसमगौरी’ नामक एनीमेटेड कार्टून बनाया था। इस कार्टून में एक स्टिकमैन सभी मॉर्फिंग ऑब्जेक्ट्स का सामना करता है। इसे देखने वाले को बार-बार इस कार्टून को देखना पड़ता है, ताकि उन्हें आसानी से यह समझ में आए कि आखिर इसके पीछे क्या स्टोरी दिखाई गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिल्म को बनाने के लिए 5 महीने काम करना पड़ा था, जिसे पूरा करने के लिए 700 चित्र बनाए गए थे। इसके लिए ग्लास प्लेट का इस्तेमाल किया गया था। यह फिल्म उस समय जैकब बोर्ड करिकेचर की तरह दिखती थी, लेकिन हकीकत में इसे कागज पर पेन से बनाया गया था।
दो तरह के होते हैं कार्टून
अमूमन कार्टून दो तरह के होते हैं। एक बच्चों के लिए बनाए जाते हैं, तो दूसरा राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों को उजागर करने के लिए भी बनाया जाता है। यह न केवल मनोरंजन का साधन है, बल्कि आम आदमी की सोच, दर्द और सवाल को बयां करने का एक ज़रिया भी है। आज की तारीख में कार्टून ने लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है।





