अपराजिता के बेजान पौधे में यूं डालें किचन की ये 1 चीज, 7 दिन में भर-भर के खिलेंगे फूल

Aparajita Plant: अपराजिता के बेजान पौधे को फिर से हरा-भरा बनाने के लिए किचन में मौजूद इस एक चीज का इस्तेमाल करें। बस इसे पौधे में डालें और देखिए, 7 दिनों के अंदर भर-भर के फूल खिलने लगेंगे।

Aparajita Plant

Aparajita Plant: अपराजिता का फूल अपने नीले रंग के कारण अत्यंत आकर्षक लगता है। खासतौर पर बरसात के मौसम में अपराजिता का नीला फूल बगीचे की शोभा बढ़ा देता है। इतना ही नहीं यह फूल भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है।

लेकिन कई बार ऐसा होता है की अच्छी देखभाल करने के बाद भी अपराजिता के पौधे में फूल खिलना बंद हो जाते हैं या फिर कम हो जाते हैं। अगर आप भी इसी समस्या से परेशान है, तो अब चिंता की कोई बात नहीं है। रसोई में रखी एक चीज के उपयोग से आप अपने अपराजिता के पौधों को खूबसूरत बना सकती हैं।

चाय पत्ती (Tea Leaves for Aparajita Plant)

किचन में रखी जिस साधारण चीज का हम जिक्र कर रहे हैं, वह कुछ और नहीं बल्कि चाय पत्ती है। जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने चाय पत्ती जो हर भारतीय घर में आसानी से मिल जाती है, अपराजिता के पौधे के लिए यह एक बेहतरीन प्राकृतिक खाद का काम कर सकती है।

इस बात का रखें ध्यान

चाय पत्ती में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जो पौधे की वृद्धि और फूलों को खिलने में मदद करते हैं। लेकिन चाय पत्ती का इस्तेमाल करने से पहले इसका तरीका जानना बेहद जरूरी है, गलत तरीके से चाय पत्ती का इस्तेमाल करने से पौधों में कोई पॉजिटिव असर नहीं दिखेगा।

अक्सर लोग चाय बनाने के बाद बची हुई पत्तियों को सीधे पौधे में डाल देते हैं। ऐसा करने से पौधे को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि उसमे अभी भी कुछ तत्व ऐसे होते हैं जो पौधों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।

कैसे बनाएं चाय पत्ती से खाद

चाय पत्ती से खाद बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में आधा लीटर से थोड़ा कम पानी लें और उसे गैस पर उबलने के लिए रख दें। उबलते हुए पानी में दो मध्यम आकार के चम्मच की चाय पत्ती डालें। इस मिश्रण को 5 से 10 मिनट तक अच्छी तरह उबालें। अब गैस बंद कर दें और मिश्रण को खुले में रखकर ठंडा होने दें।

जब मिश्रण पूरी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे छानकर एक अलग बर्तन में निकाल लें। अब जिस गमले में आपने अपराजिता का पौधा लगाया है, उसकी मिट्टी को अच्छी तरह से ऊपर-ऊपर से हल्का खोद लें। छाने हुए ठंडे पानी को धीरे-धीरे पौधों की जड़ों के पास डालें। आप चाहे तो छानी हुई चाय पत्ती को भी मिट्टी में मिला सकते हैं। इससे मिट्टी की गुणवत्ता और बढ़ जाएगी।

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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