शादी करने के लिए दूल्हे को बेचनी पड़ती थी घोड़ी, यहां मनाया जाता था हंसी का त्यौहार, जानिए दुनिया की कुछ अजीबोगरीब परंपराएं

आज जो मौजूं है, कल वो बीत जाएगा। वक्त का यही रिवाज़ है कि वो गुज़र जाता है और इसी के साथ बदल जाती हैं कई परंपराएं और रस्में भी। हर समय की कुछ मान्यताएं होती हैं जिनके आधार पर रीति रिवाज और रस्मों का निर्धारण होता है। लेकिन समय बदलने के साथ, विकास की गति के साथ कई परंपराएं विलीन हो जाती हैं या उनमें परिवर्तन हो जाता है। ये जरूरी भी है क्योंकि समय के साथ बदलना एक अवश्यम्भावी प्रक्रिया है।

strange traditions of the world

Weird traditions of the world : शादी में दूल्हा-दुल्हन कई तरह की रस्मों से गुज़रते हैं, लेकिन अगर आपको पता चले कि एक समय ग्रीस में शादी के दिन दुल्हन पर थूकने की परंपरा थी तो कैसा लगेगा। हालांकि ये रिवाज नए जोड़े को बुरी नज़र से बचाने के लिए किया जाता था, लेकिन आज के समय में हमें ये बात अजीब लगती है। दरअसल, अलग अलग समय में दुनिया के अलग अलग हिस्सों में कई तरह की परंपराएं और मान्यताएं रही हैं। उस समय वो अस्तित्व में थीं और उनका महत्व भी था, लेकिन समय के साथ कई चीजें विलुप्त होती गईं या उनमें सुधार आया जो ज़रूरी भी है।

रस्में और परंपराएं हर समाज की सांस्कृतिक मान्यताओं, मूल्यों और पहचान का हिस्सा होती हैं। वे आमतौर पर एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तांतरित होती हैं और उस समुदाय के साथ गहरे रूप से जुड़ी होती हैं। इनका उद्देश्य अलग-अलग हो सकता है, लेकिन ख़ासतौर पर वो सामाजिक एकता, संस्कृति के संरक्षण और जीवन के विभिन्न पहलुओं को संरचित रूप में दिखाने का काम करती हैं। हालांकि वक्त के साथ इनमें परिवर्तन भी आता है और कई रूढ़िवादी परंपराएं समाप्त भी हो जाती हैं, जो समय के अनुकूल नहीं होतीं।

दुनिया की मजेदार और अजीबोगरीब परंपराएं

विश्व में अतीत में कई अजीब और मजेदार परंपराएं और रस्में प्रचलित थीं, जो धीरे-धीरे समय के साथ विलीन हो गई हैं या उनका रूप बदल गया है। आज हम आपको पुराने ज़माने की कुछ ऐसी ही अजीबोग़रीब, मजेदार और रोचक रस्मों और परंपराओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

1. पत्थर फेंकने की रस्म (Tossing Stones – रूस) : मध्यकालीन रूस में एक परंपरा थी, जिसमें नवविवाहित जोड़े को अपनी शादी के बाद पत्थर फेंकने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। पत्थर फेंकना एक प्रतीकात्मक क्रिया मानी जाती थी, जिसके जरिए वे एक दूसरे के साथ जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार होते थे। यह परंपरा अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।

2. घोड़ी बेचने की रस्म (Selling of Horses – मध्यकालीन यूरोप) : एक समय था जब यूरोप के कुछ हिस्सों में विवाह के समय दूल्हे को अपनी घोड़ी बेचने की रस्म अदा करनी पड़ती थी। इस परंपरा के अनुसार, दूल्हे द्वारा अपनी घोड़ी बेचने के बाद ही शादी का आयोजन होता था और यह माना जाता था कि घोड़ी का मूल्य उसके जीवन में आने वाली परेशानियों और चुनौतियों को दर्शाता था। यह परंपरा अब पूरी तरह समाप्त हो चुकी है।

3. टेबल डांस (Dance on Tables – इंग्लैंड) : 16वीं शताब्दी में इंग्लैंड में विवाह और अन्य उत्सवों के दौरान एक अजीब परंपरा थी जिसमें लोग टेबल पर चढ़ कर नृत्य करते थे। इसे विशेष रूप से इस बात के प्रतीक के रूप में देखा जाता था कि पार्टी में कोई भी सीमा या बंधन नहीं है। यह परंपरा अब खत्म हो चुकी है और केवल इतिहास के हिस्से के रूप में जानी जाती है।

4. स्वामी का विवाह (The Priest’s Marriage – आयरलैंड) :मध्यकाल में आयरलैंड में यह परंपरा थी कि कुछ विशेष स्वामी या पादरी भी विवाह करते थे, लेकिन इसका उद्देश्य साधारण विवाह से अलग होता था। वे इसे धर्म और आध्यात्मिकता के साथ जोड़ते हुए एक “मंगलमय” शुरुआत मानते थे। यह परंपरा आजकल पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है।

5. दांत निकालने की रस्म (Tooth Extraction Ritual – अफ्रीका) : कुछ अफ्रीकी समुदायों में एक परंपरा थी जिसमें युवाओं को मान्यता प्राप्त करने के लिए उनके दांत निकालने की रस्म निभानी पड़ती थी। यह मान्यता थी कि यह प्रक्रिया उन्हें साहस और शक्ति देती थी। अब यह परंपरा बहुत हद तक समाप्त हो गई है।

6. मृतकों के साथ भोजन करना (Eating with the Dead – ताईवान) : कुछ समय पहले ताईवान में एक परंपरा थी जिसमें लोग मृतकों के साथ भोजन करने की रस्म निभाते थे। इसे “ऑफ्रेंड्स डिनर” कहा जाता था, जिसमें परिवार के सदस्य और मित्र कथित रूप से मृतकों के आत्मा के साथ भोजन करते थे, यह मानते हुए कि मृतक की आत्मा उनके साथ है। अब यह परंपरा काफी हद तक समाप्त हो चुकी है, हालांकि कुछ लोग इसे एक सांस्कृतिक उत्सव के रूप में मनाते हैं।

7 . हंसी का त्यौहार (Festival of Laughter – मध्यकालीन यूरोप) : मध्यकालीन यूरोप में एक मजेदार परंपरा थी, जिसे “फेस्टिवल ऑफ लाफ्टर” कहा जाता था। इस दिन लोग बिना किसी कारण के जोर-जोर से हंसते थे और एक-दूसरे को हंसी में शामिल करने के लिए हास्यपूर्ण हरकतें करते थे। यह परंपरा सामूहिक मनोरंजन का हिस्सा थी और एक धार्मिक पर्व की तरह मनाई जाती थी। यह अब पूरी तरह से समाप्त हो चुकी है, लेकिन कभी यूरोप में बड़े पैमाने पर आयोजित होती थी।

8. महिलाओं की काठ की बिवाई (Wooden Bivouac – फ्रांस) : 17वीं और 18वीं शताबदी में फ्रांस में एक विचित्र परंपरा थी, जिसमें महिलाओं को एक काठ के बिवाई में बिठाकर उनके विवाह की प्रक्रिया पूरी की जाती थी। यह काठ का बिवाई एक तरह का छोटे आकार का लकड़ी का बक्सा होता था जिसमें महिला बैठती और उसके आस-पास परिवारवाले उसे देखने के लिए आते थे। यह परंपरा महिलाओं की सुंदरता और उनके भविष्य के बारे में भविष्यवाणी करने के लिए होती थी। अब यह परंपरा लगभग समाप्त हो चुकी है।

9. दांतों का त्याग (Tooth Tossing – मध्यकालीन यूरोप) : मध्यकालीन यूरोप में एक अजीब परंपरा थी जिसमें बच्चों को अपनी टूटे हुए दांतों को एक छोटे से बर्तन में रखकर छत पर फेंकने की रस्म अदा करनी पड़ती थी। इसका मानना था कि यह उनके अच्छे स्वास्थ्य और भविष्य में समृद्धि की ओर इशारा करता था। यह परंपरा आजकल बच्चों के दांतों को नीचे फेंकने की “टूथ फेयर” परंपरा में बदल चुकी है।

10. भोजन का तरीका (Using hands was prohibited -चिली) : पहले के समय में चिली में खाने के दौरान हाथों का इस्तेमाल करना मना था। यहां हर भोजन को सिर्फ कांटे और चाकू से ही खाना चाहिए था। इस नियम को उच्च वर्ग में ज्यादा मान्यता प्राप्त थी 

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(डिस्क्लेमर : ये लेख विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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