Gardening Tips: बरसात में गेंदे के फूलों की सुंदरता इस तरह बनाए रखें, अपनाएं ये टिप्स

Gardening Tips: बरसात का मौसम गेंदे के फूलों के लिए थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन कुछ खास देखभाल के साथ आप इन फूलों को बरसात में भी खूब खिला सकते हैं। तो आइए जानते हैं कुछ आसान टिप्स, जो आपके गेंदे के फूलों को बरसात में भी खूबसूरती से खिलाने में मदद करेंगे।

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Gardening Tips: बरसात का मौसम, वह वक्त जब प्रकृति हरे रंग की चादर ओढ़ लेती है, मिट्टी की सोंधी खुशबू चारों ओर फैल जाती है, और आसमान में बादल गरजते हैं। वहीं, दूसरी ओर इस मौसम को अक्सर फूलों के लिए थोड़ा कठिन माना जाता है। मगर क्या आप जानते हैं, भारत में एक ऐसा फूल है जो बरसात की फुहारों के बीच भी खूबसूरती से खिलता है, वो है गेंदा का फूल। जी हां, चमकीले पीले, नारंगी और लाल रंगों से सजे गेंदे के फूल न सिर्फ शुभता का प्रतीक हैं, बल्कि बरसात के मौसम में भी अपनी रंगत बिखेरते हैं। आज हम आपको उन्हीं गेंदे के फूलों की खासियत और उनकी देखभाल के बारे में बताएंगे। यह आर्टिकल खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो बरसात में भी अपने घरों को रंगीन गेंदे के फूलों से सजाना चाहते हैं।

बरसात में गेंदे के फूलों की सुंदरता इस तरह बनाए रखें

1. सही किस्म का चुनाव: बरसात के मौसम के लिए मजबूत डंठल और बड़े फूलों वाली गेंदे की किस्में चुनें। अफ्रीकी और अमेरिकी गेंदे की किस्में बरसात को अच्छी तरह से सहन करती हैं।

2. उचित रोपाई: गेंदे के पौधे को अच्छी तरह से सूखा हुआ और ढीली मिट्टी में रोपें। गमले में रोपते समय नीचे जल निकासी छेद जरूर रखें। पौधों के बीच पर्याप्त जगह रखें ताकि हवा का संचार हो सके।

3. पानी देना: गेंदे के पौधों को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन ज्यादा पानी न दें। मिट्टी को गीली रखें, लेकिन गीली नहीं। बारिश के दौरान पानी देने की आवश्यकता कम होगी।

4. खाद देना: गेंदे के पौधों को नियमित रूप से खाद दें। खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का संतुलन होना चाहिए। बरसात के दौरान खाद देने की आवश्यकता कम होगी।

5. निराई-गुड़ाई: खरपतवार को नियमित रूप से हटाते रहें। खरपतवार पौधों के विकास को बाधित करते हैं और रोगों का कारण बन सकते हैं।

6. रोग और कीटों से बचाव: गेंदे के पौधों को सामान्य रोगों और कीटों से बचाने के लिए उचित उपाय करें। फफूंदनाशक और कीटनाशक का उपयोग केवल आवश्यकता होने पर ही करें।

7. डेडहेडिंग: मुरझाए हुए फूलों को नियमित रूप से हटाते रहें। डेडहेडिंग से नए फूलों के विकास को प्रोत्साहन मिलता है।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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