आज के दौर में डेटिंग सिर्फ एक चाय की मुलाकात या लंबी बातें नहीं रह गई है। Gen Z यानी 1997 के बाद जन्मी नई पीढ़ी प्यार और रिश्तों को बिल्कुल नए नजरिए से देखती है, उनका रिलेशनशिप स्टाइल पहले जैसी भावुकता से कम और स्मार्टनेस से ज़्यादा जुड़ा होता है।
अगर आप Gen Z के किसी व्यक्ति को डेट कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ अपने पुराने अनुभवों पर भरोसा करना काफी नहीं होगा। आपको उनकी सोच, पसंद-नापसंद और डेटिंग टर्म्स की नई परिभाषा को भी समझना पड़ेगा। वरना कहीं ऐसा ना हो कि आप दिल से रिश्ता निभा रहे हों और वो सिचुएशनशिप में हों।
क्या है ‘Situationship’ और ‘Ghosting’?
Gen Z की डेटिंग में नए-नए शब्द आम हो गए हैं जैसे सिचुएशनशिप, घोस्टिंग, ब्रेडक्रम्बिंग, बेंचिंग आदि। सिचुएशनशिप (Situationship) यानी ऐसा रिश्ता जिसमें आप किसी के साथ हैं, लेकिन कोई नाम नहीं दिया गया हो। वहीं घोस्टिंग (Ghosting) तब होता है जब कोई अचानक बिना बताए गायब हो जाए। अगर आप इन टर्म्स से अनजान हैं, तो आपको Gen Z के इशारे समझने में मुश्किल होगी।
ओपन कम्युनिकेशन है बहुत जरुरी
Gen Z खुलकर बात करने वाली पीढ़ी है। वो इमोशन्स को लेकर क्लियर होती है और किसी भी तरह का कन्फ्यूजन नहीं चाहती। रिलेशनशिप में शॉर्टकट या घुमाने-फिराने से बात नहीं बनती। इसलिए अगर आप उन्हें डेट कर रहे हैं, तो ट्रांसपेरेंसी और ओपन कम्युनिकेशन को अपनी पहली प्राथमिकता बनाएं।
सिर्फ कॉल नहीं, मीम्स भी ज़रूरी हैं
Gen Z का प्यार सोशल मीडिया, GIFs, मीम्स और टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए भी ज़ाहिर होता है। वो हर बार कॉल या मिलना नहीं चाहते, लेकिन एक सही टाइम पर भेजा गया फनी मीम या रिलेटेबल जोक उनके लिए बहुत मायने रखता है। इस डिजिटल प्यार की भाषा को समझना भी उतना ही ज़रूरी है।





