General Knowledge : क्या आप जानते हैं कितना तापमान सह सकता है इंसान का शरीर? पढ़ें यह खबर

General Knowledge : एक इंसान कितनी गर्मी सह सकता है? दरअसल यह सवाल इसलिए भी लोगों के मन में आ रहा है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर के कई इलाकों में तापमान इतना बढ़ गया है कि लोगों के लिए इसे सहन करना मुश्किल हो गया है।

General Knowledge : इन दिनों उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर है। आगामी पांच दिनों के लिए मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी कर दिया है। तापमान के लगातार बढ़ने से लोगों का हाल बेहाल है। इस भीषण गर्मी में अक्सर लोगों के मन में एक सवाल उठता है कि आखिर एक इंसान कितनी गर्मी सह सकता है? दरअसल यह सवाल इसलिए भी लोगों के मन में आ रहा है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनियाभर के कई इलाकों में तापमान इतना बढ़ गया है कि लोगों के लिए इसे सहन करना मुश्किल हो गया है।

हीटवेव के प्रभाव से जूझ रहे लोग

दरअसल उत्तर भारत के अधिकांश क्षेत्रों में हीटवेव का कहर जारी है। कई इलाकों में तापमान इतना बढ़ गया है कि लोगों की तबीयत खराब हो रही है और गर्मी के कारण दिन के साथ-साथ रात में भी घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। वहीं यह स्थिति मन में एक सवाल उठाती है कि इंसान का शरीर आखिर कितना तापमान सह सकता है।

जानिए कितना तापमान सह सकते है हम:

वैज्ञानिकों के अनुसार, इंसानी शरीर का सामान्य तापमान 98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है, जिसकी अगर बाहरी तापमान से तुलना की जाए तो यह 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है। दरअसल इंसान 42 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सह सकता है। जानकारी के अनुसार ‘होमियोस्‍टैसिस’ इंसान के शरीर में एक खास तंत्र है, जो उसे इस तापमान में भी सुरक्षित रखता है।

तापमान सहने की सीमा

हालांकि, 42 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान इंसानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। लेकिन इस तापमान में इंसान जीवित रह सकता है। दरअसल लंदन स्‍कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट की माने तो, 2050 की बात करें तो उस समय गर्मी से होने वाली मौतों में बड़ा उछाल आएगा और इसमें तकरीबन 257 फीसदी तक हो वृद्धि हो जाएगी।

जानिए कितना तापमान है हानिकारक:

जबकि स्वास्थ्य विशेषज्ञों की माने तो, जब पारा 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है, तो बेहोशी, चक्कर और घबराहट जैसी समस्याओं के कारण ब्लड प्रेशर कम होने जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। अगर तापमान 48 से 50 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक हो जाता है, तो मांसपेशियां पूरी तरह से जवाब दे सकती हैं और इससे मौत का खतरा बढ़ जाता है।


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Rishabh Namdev

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मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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