General Knowledge: हमारे आस-पास कई ऐसी चीजे है जिसपर हम कभी ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन इनमे से कुछ ऐसी चीजे है जिनका इस्तेमाल हम हर समय करते रहते हैं। दरअसल ज्यादातर समय हमें इनके पीछे की कहानी या उनके बारे में जानकारी नहीं होती है। वहीं कई लोगों के मन में इन्हें लेकर सवाल उठते है।
दरअसल आज एक ऐसे ही सवाल का जवाब हम देने वाले हैं। आज इस खबर में हम आपको स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच में अंतर बताने जा रहे हैं। अधिकांश लोगों को इसके बीच का अंतर पता नहीं होता है। तो चलिए आज इस खबर में हम जानते हैं।
जानें इन दोनों के बीच का अंतर:
दरअसल स्टील का निर्माण मुख्य रूप से कार्बन और लोहे के मिश्रण से होता है, जिसे सादा कार्बन स्टील या माइल्ड स्टील भी कहा जाता है। इसमें कार्बन की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह कठोर बनता है।
दूसरी ओर, स्टेनलेस स्टील की बात की जाए तो इसमें क्रोमियम की मात्रा ज्यादा होती है, जो इसकी सतह पर एक ऐसी परत बनाता है जो दिखाई नहीं देती है और इसे दाग और जंग लगने से भी बचाती है। स्टेनलेस स्टील के निर्माण में क्रोमियम, निकल, नाइट्रोजन और मोलिब्डेनम का उपयोग किया जाता है, जिससे यह संक्षारण प्रतिरोधी होता है।
मजबूती और वजन में अंतर
हालांकि स्टील की तुलना में स्टेनलेस स्टील इतना मजबूत नहीं होता है, लेकिन इसकी अधिभोग क्षमता कम होती है और विनिर्माण प्रक्रिया में इसे संभालना कठिन होता है। स्टील में कार्बन की कम मात्रा होने के कारण यह कठोरता में स्टेनलेस स्टील से मजबूत होता है। हालांकि स्टेनलेस स्टील की सतह चमकदार होती है और इस पर क्रोमियम की कोटिंग इसे आकर्षक बनाती है, जबकि साधारण स्टील पर मैट फिनिश होती है।