सावन में विशेष तौर पर बनाया जाता है घेवर, जानिये महत्व और रेसिपी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सावन शुरू होने वाला है और अगले महीने रक्षाबंधन का त्योहार भी आ रहा है। ऐसे में घरों में तरह तरह की मिठाइयां बनने का दौर शुरू हो जाता है। कुछ मिठाई तो विशेषकर सावन में ही बनाई जाती है और घेवर फेनी उनमें से एक है। राजस्थान का घेवर काफी प्रसिद्ध है लेकिन अब ये लगभग हर जगह मिलने लगा है। ये मिठाई खासतौर पर सावन के महीने में ही बनाई खाई जाती है।

दरअसल सावन के दौरान बारिश के चलते वातावरण में नमी होती है। घेवर के लिए ये नमी काफी अच्छी होती है, जितनी अच्छी बरसात और नमी होगी, घेवर उतना ही स्वादिष्ट बनेगा। इसमें जितनी नमी आती है, ये उतना ही मुलायम और स्वादिष्ट हो जाता हैं। जबकि बाकि मिठाइयां नमी के कारण चिपचिपी हो जाती हैं। राजस्थान में इस मिठाई का बड़ा महत्व है। शादी के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर लड़की के ससुराल में मायके वाले सरगी लेकर जाते हैं। इसमें घेवर भी शामिल होता है। आजकल बाजार में कई तरह के घेवर मिलते हैं जिनमें सादा घेवर, रबड़ी वाला घेवर, केसरिया घेवर, इलायची घेवर सहित कई वैरायटी उपलब्ध है। लेकिन आप इसे घर में भी बना सकते हैं। हालांकि ये थोड़ी मुश्किल रेसिरी है लेकिन जब शेफ कुणाल कपूर खुद इसे बनाने की विधि बता रहे हैं तो भला मुश्किल क्या है। तो आईये आज सीखते हैं घेवर बनाने की रेसिपी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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