अदरक हर रसोई की ज़रूरत है और अगर यह घर पर ही उग जाए तो क्या बात है! अब आपको मार्केट से केमिकलयुक्त अदरक खरीदने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि गमले में अदरक (Ginger) उगाना आसान और सस्ता तरीका बन चुका है। अगर आपके पास बालकनी, छत या आंगन में थोड़ी सी भी जगह है तो आप खुद घर पर ही ताजी अदरक उगा सकती हैं।
इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप गमले में अदरक का पौधा लगा सकती हैं, कौन-सी प्राकृतिक खाद उसके लिए बेस्ट है और कौन-कौन से दो तरीके हैं जिससे आप अदरक उगाने की शुरुआत कर सकती हैं।

कैसे उगाएं गमले में अदरक का पौधा?
1. तरीका नंबर 1
यह सबसे आम और असरदार तरीका है। इसके लिए बाजार से अदरक लाएं और ध्यान दें कि उसमें छोटी-छोटी ‘आंखें’ (buds) हों। अदरक को टुकड़ों में काट लें और हर टुकड़े में कम से कम एक आंख होनी चाहिए। इन टुकड़ों को 24 घंटे के लिए सुखा लें ताकि सड़न न हो। एक मध्यम आकार के गमले में मिट्टी, गोबर की खाद और थोड़ी रेत मिलाकर भर दें। अदरक के टुकड़ों को आंख ऊपर की तरफ करके 2-3 इंच गहराई में लगाएं और मिट्टी से ढक दें। हल्की सिंचाई करें और गमले को ऐसी जगह रखें जहां सीधी धूप कम आती हो।
2. तरीका नंबर 2
अगर आपके पास अदरक का ताज़ा और हरा-भरा कंद है, तो आप उसे सीधे गमले में लगा सकती हैं। बिना काटे पूरा अदरक का टुकड़ा लें जिसमें कई आंखें हों। मिट्टी में वही प्रक्रिया अपनाएं जो ऊपर बताई गई है। थोड़ा गहरा गड्ढा बनाएं, अदरक को रखें और ऊपर से ढक दें। ज्यादा पानी न दें, केवल मिट्टी को नमी बनाए रखने जितना पानी दें। 10-15 दिन में पौधा अंकुरित हो जाएगा और धीरे-धीरे हरे पत्तों के साथ बढ़ने लगेगा।
3. कौन-सी खाद है अदरक के लिए सबसे बेस्ट?
अदरक का पौधा जैविक खाद से अच्छी तरह फलता-फूलता है। केमिकल वाली खाद की बजाय प्राकृतिक और घरेलू खाद का इस्तेमाल करना ज्यादा फायदेमंद होता है। गोबर की खाद (Cow dung compost): मिट्टी को नरम बनाती है और पोषण देती है। इसमें सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं जो अदरक की जड़ों को मजबूत करते हैं। सब्जियों के छिलके, फल, चाय की पत्ती आदि का बना खाद पौधों के लिए बेहतरीन है। गिरे हुए सूखे पत्तों को मिट्टी में मिलाने से पौधे की वृद्धि तेज होती है। ध्यान रखें कि खाद को हर 15 दिन में थोड़ी मात्रा में डालें और ज्यादा पानी देने से बचें।
अदरक का पौधा लगाने के फायदे और ध्यान देने वाली बातें
- यह एक बार लग जाए तो 8–10 महीने में तैयार हो जाती है।
- आप पत्तों का भी इस्तेमाल चाय में फ्लेवर के लिए कर सकती हैं।
- इसकी देखभाल कम है, लेकिन नियमित मॉनिटरिंग जरूरी है।
ध्यान रखें
- गमला छांव वाली जगह पर रखें।
- अधिक पानी न दें, नहीं तो कंद सड़ सकता है।
- समय-समय पर मिट्टी को ढीला करें।