अमरूद के पेड़ पर आ चुके हैं फूल? मानसून से पहले करें ये 3 ज़रूरी काम, फलों से लद जाएगा पूरा पेड़

Guava Tree: अगर आपके बगीचे में अमरूद का पेड़ फूलों से लद चुका है, तो बरसात शुरू होने से पहले करें ये 3 आसान काम। इससे फलों की संख्या और गुणवत्ता दोनों में जबरदस्त इजाफा होगा, और पेड़ फलों से झुक जाएगा।

अगर आपने अपने घर या खेत में अमरूद का पेड़ (Guava Tree) लगाया है और इस वक्त उस पर खूब सारे फूल आ चुके हैं, तो ये आपके लिए बेहद सुनहरा मौका है। क्योंकि बरसात आने से पहले की गई थोड़ी-सी मेहनत आपको भारी भरकम फलों की फसल दिला सकती है।

अमरूद के पेड़ पर फूल आने के बाद की देखभाल सीधे फल उत्पादन को प्रभावित करती है। अगर आप कुछ जरूरी बागवानी टिप्स अपनाएं, तो आपका पेड़ फलों से लद सकता है। जानिए वो 3 आसान लेकिन असरदार काम जो आपको मानसून से पहले ज़रूर करने चाहिए।

बरसात से पहले अमरूद के पेड़ पर करें ये जरूरी देखभाल

1. समय पर कटिंग-प्रूनिंग है बेहद जरूरी

जब अमरूद के पेड़ पर फूल आ चुके होते हैं, तब आपको पेड़ के सूखे, कमजोर और अंदर की ओर बढ़ने वाली टहनियों को तुरंत काट देना चाहिए। इससे फूलों को ज़रूरी पोषण मिलेगा और हवादारी बनी रहेगी, जिससे फल बनने की प्रक्रिया बेहतर होगी। प्रूनिंग से फूल झड़ने का खतरा भी कम होता है, और पेड़ की ग्रोथ एकसमान होती है। ये काम बारिश से पहले करें ताकि बाद में पेड़ पर फंगस या बीमारी न लगे।

2. जैविक खाद और पोषक तत्वों की कमी न होने दें

फूल आने के बाद अमरूद के पेड़ को अच्छी गुणवत्ता वाली खाद की ज़रूरत होती है। बरसात से पहले आप पेड़ के चारों ओर गोबर की सड़ी खाद, नीम की खली या वर्मी कम्पोस्ट मिला सकते हैं। इसके अलावा सुपर फास्फेट और पोटाश जैसे तत्व फल बनने में मदद करते हैं। खाद डालने के बाद मिट्टी को थोड़ा खोदकर, पानी दें ताकि पोषक तत्व पेड़ की जड़ों तक पहुंचें और फूल से फल में बदलने की प्रक्रिया तेज़ हो जाए।

3. कीट व फंगस से बचाव के लिए छिड़काव करें

मानसून से पहले की नमी का माहौल अक्सर कीट और फंगस को बढ़ावा देता है। अमरूद के फूलों पर ये कीट सबसे पहले हमला करते हैं, जिससे फूल झड़ने लगते हैं और फल लगना रुक जाता है। इससे बचाव के लिए नीम तेल या ट्राइकोडर्मा जैसे जैविक कीटनाशकों का छिड़काव करें। अगर संक्रमण ज्यादा है तो कार्बेन्डाजिम या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड जैसे हल्के फफूंदनाशक प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन हमेशा मात्रा का ध्यान रखें और छांव वाले समय में छिड़काव करें।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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