Habit of Munching : जब हर वक्त खाने की इच्छा बन जाए समस्या, जानिए मंचिंग के नुकसान और बचने के उपाय

मंचिंग ऐसी आदत है, जिसमें बिना भूख के भी लगातार कुछ न कुछ खाने की इच्छा होती है। यह अक्सर तनाव, ऊब या भावनात्मक कारणों से होती है। अगर यह आदत नियंत्रण से बाहर हो जाए तो वजन बढ़ने, पाचन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसीलिए समय रहते इस आदत को पहचानना जरूरी है। साथ ही मंचिंग से बचने के लिए संतुलित आहार लेना, स्वस्थ स्नैक्स चुनना और बार बार खाने की इच्छा पर कंट्रोल करना चाहिए।

Shruty Kushwaha
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Habit of Munching

Habit of Munching : क्या आपको भी थोड़ी थोड़ी देर में कुछ खाने की इच्छा होती है। चलते फिरने आप कुछ न कुछ खाते ही रहते हैं। या टीवी देखते हुए, काम करते हुए, किसी से बात करते हुए भी चटर-पटर खाना चलता रहता है। अगर ऐसा है तो इस मंचिंग की आदत को लेकर सतर्क हो जाइए। हमेशा कुछ न कुछ खाते रहना आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।

आपको पता ही नहीं चलेगा कि कब मंचिंग की आदत आपकी जीवनशैली का हिस्सा बन गई। और इस कारण  वजन बढ़ने, पाचन संबंधी समस्याएं के साथ मानसिक स्थिति या मूड में भी उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। अगर आप भी इस आदत से परेशान हैं, तो इसे नियंत्रित करने के लिए हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं। इन्हें अपनाकर आप इस आदत को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं

Munching के नुकसान

मंचिंग यानी निरंतर कुछ न कुछ खाते रहना एक सामान्य आदत मानी जाती है। अक्सर तो इसपर ध्यान भी नहीं जाता। लेकिन यदि यह आदत बढ़ जाए तो इससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। यह जानना जरूरी है कि क्यों हमेशा कुछ न कुछ खाते रहना आपकी सेहत के लिए हानिकारक है। इस आदत से छुटकारा पाने के लिए पहले इसके कारणों और प्रभावों को समझना होगा।

1. वजन बढ़ना (Weight Gain): मंचिंग से अत्यधिक कैलोरी का सेवन होता है, खासकर यदि आप हाई कैलोरी वाले स्नैक्स खाते हैं। इससे वजन बढ़ने का खतरा होता है और यह मोटापे का कारण बन सकता है।

2. हृदय रोग (Heart Disease): यदि मंचिंग में जंक फूड्स या अनहेल्दी स्नैक्स शामिल हैं (जैसे कि चिप्स, बर्गर, पैटीज़ आदि) तो इससे ट्रांस फैट्स और सेचुरेटेड फैट की मात्रा बढ़ सकती है, जो हृदय रोगों का कारण बन सकती है।

3. पाचन संबंधी समस्याएं (Digestive Issues): निरंतर खाने से पाचन तंत्र पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

4. खुश रहने के बजाय तनाव बढ़ना (Increased Stress ): मंचिंग आमतौर पर तनाव या ऊब के कारण होती है, लेकिन यह मानसिक राहत देने की बजाय तनाव को बढ़ा सकती है क्योंकि इससे तात्कालिक संतुष्टि तो मिलती है लेकिन लंबे समय में आत्म-नियंत्रण की कमी महसूस होती है।

5. नींद में बाधा (Sleep Disturbances): देर रात मंचिंग करने से पेट भरा होने के कारण नींद में खलल पड़ सकता है और गहरी नींद में रुकावट आती है।

6. खानपान की आदतों में असंतुलन (Imbalanced Diet): यदि आप नियमित रूप से मंचिंग करते हैं तो यह आपकी मुख्य भोजन के पोषक तत्वों का संतुलन बिगाड़ सकता है, जिससे शरीर को आवश्यक विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है।

मंचिंग की आदत से छुटकारा पाने के उपाय

1. मानसिक कारणों को पहचानें : मंचिंग की आदत अक्सर तनाव, चिंता, या ऊब से होती है। यदि आप इन भावनाओं का सामना करते हैं तो उन्हें पहचानने की कोशिश करें। मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए ध्यान, योग और ब्रीदिंग एक्ससाइज का अभ्यास करें।

2. स्वस्थ स्नैक्स का चुनाव करें : यदि आप खाने की आदत को पूरी तरह से बंद नहीं कर सकते तो स्नैक्स के रूप में स्वस्थ विकल्प चुनें। जैसे फल, नट्स, दही, या सलाद। इनसे आपको पोषण भी मिलेगा और आप कम कैलोरी का सेवन करेंगे।

3. पानी पीना न भूलें : कभी-कभी हमें भूख नहीं, बल्कि प्यास लगती है। इसलिए, मंचिंग से बचने के लिए नियमित रूप से पानी पीने की आदत डालें। यह आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखेगा और अनावश्यक खाने की इच्छा कम करेगा।

4. समय पर भोजन करें : खाने की आदत को नियंत्रित करने के लिए समय पर और संतुलित आहार लें। दिन में तीन प्रमुख भोजन और दो छोटे स्नैक्स खाने से आपको ज्यादा भूख नहीं लगेगी और मंचिंग की आदत कम हो जाएगी।

5. व्यस्त रहें : अक्सर मंचिंग की आदत ऊब या खाली समय के कारण होती है। इसलिए अपने समय को रचनात्मक कार्यों में लगाएं या कोई नया शौक अपनाना। यह आपकी मानसिक स्थिति को बेहतर बनाएगा और खाने की ललक को कम करेगा।

6. सोच-समझकर खाएं : जब भी खाने का मन हो तो खुद से यह सवाल करें कि क्या आपको सच में भूख लगी है या आप किसी और कारण से खा रहे हैं। यह आत्म-नियंत्रण को बढ़ावा देगा और आपको बेहतर विकल्प चुनने में मदद करेगा।

7. सोशल सपोर्ट : यदि आप खुद से इस आदत को छोड़ने में सफल नहीं हो पा रहे तो किसी दोस्त या परिवार के सदस्य से सहायता प्राप्त करें। उनका सपोर्ट आपको उत्साहित करेगा और मनोबल बढ़ाएगा।


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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