Personality Test: हर व्यक्ति अपने अंदर अलग-अलग गुण का खजाना छुपाए बैठा है। सभी की अपनी कोई ना कोई क्वालिटी होती है जो उसे दूसरों से अलग बनाने का काम करती है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व में छुपे हुए गुणों की वजह से ही होती है। व्यक्ति जिस तरह से बातचीत करता है और उसके हाव भाव जैसे होते हैं उसका दूसरे लोगों पर काफी प्रभाव पड़ता है।
व्यक्ति के रहन-सहन के अलावा वह जिस तरह से लिखता है। वह देखकर भी उसकी पर्सनैलिटी का अंदाजा लगाया जा सकता है। व्यक्ति के लिखने का तरीका, स्पीड, अक्षरों की बनावट, दिशा और दबाव, अक्षर जोड़ने का तरीका उसके बारे में बहुत कुछ कहता है। अगर इन सारी चीजों पर ध्यान दे दिया जाए तो हम आसानी से किसी के भी व्यक्तित्व का अवलोकन कर सकते हैं। कई बार हम व्यक्ति को पहचानने में गलती कर देते हैं जिसका खामियाजा हमें आगे जाकर भुगतना पड़ता है। लेकिन अगर हम कुछ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो हम किसी के भी बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं। चलिए आज लिखावट के आधार पर व्यक्तित्व के गुणों के बारे में बताते हैं।
साफ लिखावट
अगर किसी व्यक्ति के लिखावट साफ है। जिसे आराम से पढ़ा जा सकता है। इसका मतलब यह है कि वह जो भी लिखता है सोच समझ कर लिखता है और जीवन में गलतियां करने से बचता है।
नुकीली लिखावट
जिस व्यक्ति की लिखावट के बिंदु नुकीले होते हैं। वह उसके तुनक मिजाज होने का संकेत होता है। यह लोग अपने आगे किसी की नहीं चलने देते और हर जगह अपनी मनमानी करते हैं।
सीधी लिखावट
कुछ लोग बिल्कुल सीधा-सीधा लिखते हैं। यह इनके गंभीर और शांत प्रवृत्ति का व्यक्ति होने का संकेत है। यह लोग जो भी निर्णय लेते हैं वह अंत में सही साबित होते हैं।
विभाजित लिखावट
लिखावट तीन तरह की होती है सूक्ष्म, औसत और बड़ी। जिन लोगों की लिखावट सूक्ष्म होती है वह उनके तर्क पूर्ण होने का संकेत है। जो लोग औसत शब्द लिखते हैं वह संतुलित विचारधारा वाले होते हैं। वहीं जो लोग बड़ी लिखावट वाले होते हैं यह बोलते कुछ है और करते कुछ और हैं।
लिखावट के संकेत
लिखते समय जो व्यक्ति उचित स्थान पर उचित चिन्ह का प्रयोग करता है, वह कोमल हृदय का होता है। घसीट कर लिखने वाले लोगों को दूसरे लोगों से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिन लोगों की लिखावट का निचला भाग बड़ा होता है, वो आराम पसंद और खर्चीले स्वभाव के होते हैं।
लिखावट की गति
अक्षरों के आकार के अलावा व्यक्ति की लिखावट की गति भी उसके बारे में बहुत कुछ बताती है। विचारों के साथ व्यक्ति की लिखावट की गति बढ़ती घटती है। व्यक्ति आवेश में रहता है तो वह तेजी से लिखता है और अगर वह शांत चित्त रहता है तो उसके लिखने की गति औसत होती है।
Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।