दीवाली , भारत का सबसे चमकदार और पवित्र त्योहार, हर साल खुशियों, समृद्धि और नए आरंभ का संदेश लेकर आता है। जब घर-आंगन दीयों से जगमगाने लगते हैं, तब मन में एक नई आशा का उजाला भर जाता है। लोग इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं, ताकि जीवन में धन, बुद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद बना रहे।
2025 की दिवाली (Diwali 2025) और भी खास है, क्योंकि यह सिर्फ त्योहार नहीं, बल्कि प्यार, एकता और कृतज्ञता का प्रतीक बन चुकी है। चाहे आप परिवार से दूर हों या पास, इन शुभकामनाओं और संदेशों के ज़रिए आप अपने प्रियजनों के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।
दीवाली 2025 की तारीख और महत्व
दीवाली 2025 इस साल 20 अक्टूबर, सोमवर को मनाई जाएगी। यह दिन अमावस्या तिथि को आता है, जब अंधकार के बीच दीयों की लौ एक नई शुरुआत का प्रतीक बनती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या दीपों से जगमगा उठी थी, और तभी से यह दिन “दीपावली” कहलाया। इस पर्व का महत्व सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक भी है। यह हमें सिखाता है कि जीवन में चाहे कितनी भी अंधेरी राहें हों, ज्ञान और सत्य का प्रकाश हमेशा मार्ग दिखाता है।
इन संदेशों से प्रियजनों को दें दीवाली की शुभकामनाएं (Happy Diwali 2025 Message)
घर-घर में हो उजियारा,
हर दिल में हो प्यार का नजारा,
मिट जाए हर ग़म की काली,
आपको मुबारक हो ये प्यारी दीवाली ।
दीप जले तो रोशन हो जहाँ,
खुशियों से भर जाए हर समां,
हर चेहरा मुस्कुराए प्यारा-प्यारा,
आपको मुबारक हो दीपों का त्योहार।
लक्ष्मी मां का हो वास आपके द्वार,
सुख-समृद्धि से भर जाए घर-बार,
हर दिन बने आपकी दिवाली जैसा,
रहे हमेशा खुशियों का संसार।
अंधकार को छोड़ो, उजाला अपनाओ,
मन का हर कोना दीपों से सजाओ,
मिल-जुलकर मनाओ ये प्यारी दीवाली ,
सबको खुशियों का उपहार दो निराली।
दीयों की रौशनी से जगमगाए जीवन,
खिले आपके चेहरे पे हर क्षण मुस्कान,
हर दिन लाए नई खुशियों का पैगाम,
ऐसी हो आपकी दिवाली का सम्मान।
मिठास हो रिश्तों में, रौशनी हो घर में,
हर सुबह लाए नई उम्मीदें आपके दर में,
खुशियों से भरी हो हर घड़ी आपकी,
दीवाली लाए बरकत हर पहर में।
सजे घर-आंगन दीयों की माला से,
खिले जीवन खुशियों के उजाले से,
हर सपना आपका साकार हो जाए,
दीवाली पर ये दुआ दिल से आए।
क्या करें
1. मिट्टी के दीये जलाएं
दीवाली पर मिट्टी के दीये जलाना न सिर्फ परंपरा का प्रतीक है बल्कि पर्यावरण के लिए भी शुभ है। ये दीये घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं और लक्ष्मी जी के आगमन का स्वागत करते हैं। साथ ही, यह स्थानीय कुम्हारों को भी आर्थिक सहयोग देता है।
2. मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें
दीवाली के दिन शाम के समय गणेश-लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। सही मुहूर्त में पूजा करने से घर में धन, सौभाग्य और समृद्धि का वास होता है। श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई पूजा जीवन में सकारात्मकता और स्थिरता लाती है।
3. जरूरतमंदों की मदद करें
इस दीवाली किसी जरूरतमंद को खुशियां देने की कोशिश करें। कपड़े, खाना या मिठाई बांटकर उनके चेहरे पर मुस्कान लाएं। असली रोशनी वही है जो दूसरों के जीवन में उजाला करे यही दिवाली का सच्चा अर्थ और सबसे सुंदर दान है।
4. घर की सफाई और सजावट करें
लक्ष्मी मां स्वच्छ और सुंदर घर में निवास करती हैं। इसलिए दीवाली से पहले घर की पूरी सफाई करें और दीयों, रंगोली, फूलों से सजाएं। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और माहौल में सुख-शांति बनी रहती है।
क्या न करें
1. प्लास्टिक रंगीन सजावट से बचें
दीवाली की सजावट में प्लास्टिक सामग्री और केमिकल वाले रंगों का उपयोग न करें। ये न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक होते हैं। इसकी जगह प्राकृतिक या इको-फ्रेंडली सजावट का चयन करें।
2. तेज पटाखों का उपयोग न करें
पटाखे भले ही कुछ पलों की खुशी दें, लेकिन ये हवा और ध्वनि प्रदूषण बढ़ाते हैं। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं के लिए हानिकारक होते हैं। इसलिए इस दीवाली पटाखों की जगह दीयों की रोशनी और प्रेम का उजाला फैलाएं।
3. खाने की बर्बादी न करें
त्योहारों में मिठाइयों और पकवानों की भरमार होती है, लेकिन याद रखें कि खाने की बर्बादी किसी भी त्योहार का हिस्सा नहीं होनी चाहिए। जरूरत से ज़्यादा न बनाएं और अतिरिक्त भोजन जरूरतमंदों को दान करें।





